- धूमावती साधना समस्त प्रकार की तन्त्र बाधाओं की रामबाण काट है.
- यह साधना नवरात्रि में की जा सकती है.
- दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए काले रंग के वस्त्र पहनकर जाप करें. जाप रात्रि ९ से ४ के बीच करें
जाप के पहले तथा बाद मे गुरु मन्त्र की १ माला जाप करें
॥ ऊं परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥
जाप से पहले हाथ में जल लेकर माता से अपनी समस्या के समाधान की प्रार्थना करें.
- अपने सामने एक सूखा नारियल रखें.
- उसपर हनुमान जी को चढने वाला सिन्दूर चढायें.
अब रुद्राक्ष की माला से 11 माला निम्नलिखित मन्त्र का जाप करें
॥ धूं धूं धूमावती ठः ठः ॥
अंतिम दिन काला धागा तीन बार अपनी कमर मे लपेट कर बांध दें । उस दिन मंत्र जाप पूरा होने के बाद काले धागे को कैंची से काट्कर सूखे सिंदूर चढे नारियल के साथ रख लें.
आग जलाकर १०८ बार काली मिर्च में सिन्दूर तथा सरसों का तेल मिलाकर निम्न मन्त्र से आहुति देकर हवन करें :-
॥ धूं धूं धूमावती ठः ठः स्वाहा॥
इसके बाद नारियल को तीन बार सिर से पांव तक उतारा कर लें इसके लिए उसे सिर से पाँव तक छुवा लें तथा प्रार्थना करें कि मेरे समस्त बाधाओं का माता धूमावती निवारण करें.
अब इस नारियल को धागे सहित आग में डाल दें.
हाथ जोडकर समस्त अपराधों के लिये क्षमा मांगें.
हाथ जोडकर समस्त अपराधों के लिये क्षमा मांगें.
अंत में एक पानी वाला नारियल फ़ोडकर उसका पानी हवन में डाल दें, इस नारियल को बाहर फ़ेंक दें इसे खायें नही.
अब नहा लें तथा जगह हो तो जाप वाली जगह पर ही सो जायें.
आग ठंडि होने के बाद अगले दिन राख को नदी या तालाब में विसर्जित करें ...
किसी विधवा स्त्री को धन या भोजन कुछ भी दान करें ....
किसी विधवा स्त्री को धन या भोजन कुछ भी दान करें ....
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