॥ ऊं अष्टकाल्यै क्रीं श्रीं ह्रीं क्रीं सिद्धिं मे देहि दापय नमः ॥
- दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जाप करें.
- दिगम्बर अवस्था में जाप करें या काले रंग का आसन वस्त्र रखें.
- 108 दाने वाली रुद्राक्ष या काली हकीक माला से जाप करें.
- पुरश्चरण 1,25,000 मन्त्रों का होगा.यानि 1250 माला .
- 11000, 21000, 51000 की संख्या मे भी कर सकते हैं , यानि 110, 210, 510 माला ।
- रात्रिकाल में जाप करें.
- दशमी के दिन काली मिर्च/ तिल/दशांग/घी/ चमेली के तेल से दशांश हवन करें |
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