11 जून 2024

धूमावती साधना : तंत्र बाधाओं की प्रचंड काट

    धूमावती साधना : तंत्र बाधाओं की प्रचंड काट 







  • धूमावती साधना समस्त प्रकार की तन्त्र बाधाओं की रामबाण काट है.
  • यह साधना ज्येष्ठ मास /नवरात्रि/ किसी शुभ मुहूर्त में की जा सकती है.
  • दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए काले रंग के वस्त्र पहनकर जाप करें. जाप रात्रि ९ से ४ के बीच करें




 
सद्गुरुदेव डा नारायण दत्त श्रीमाली जी को प्रणाम करके उनसे अनुमति और आशीर्वाद देने की याचना करें । 




जाप से पहले हाथ में जल लेकर माता से अपनी समस्या के समाधान की प्रार्थना करें.
जाप के पहले तथा बाद मे गुरु मन्त्र की १ माला जाप करें । यह आपकी सुरक्षा के लिए अनिवार्य है । अगर आपके कोई तांत्रिक गुरु हैं तो उनसे प्राप्त गुरु मंत्र करें या फिर मेरे गुरुदेव का यह मंत्र ऊपर दिये फोटो को देख कर उन्हे गुरु मानकर कर लेंगे । 

॥ ऊं परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥




  • अपने सामने एक सूखा नारियल रखें.
  • उसपर हनुमान जी को चढने वाला सिन्दूर चढायें.
  • मंत्र जाप से पहले काला धागा तीन बार अपनी कमर मे लपेट कर बांध दें । 
अब रुद्राक्ष की माला से 11 माला निम्नलिखित मन्त्र का जाप करें


॥  धूं धूं धूमावती ठः ठः ॥


मंत्र जाप पूरा होने के बाद  काले धागे को कैंची से काट्कर सूखे सिंदूर चढे नारियल के साथ रख लें.

आग जलाकर १०८ बार काली मिर्च में सिन्दूर तथा सरसों का तेल मिलाकर निम्न मन्त्र से आहुति देकर हवन करें :-


॥  धूं धूं धूमावती ठः ठः स्वाहा॥


इसके बाद नारियल को तीन बार सिर से पांव तक उतारा कर लें । इसके लिए उसे सिर से पाँव तक छुवा लें तथा प्रार्थना करें कि मेरे समस्त बाधाओं का माता धूमावती निवारण करें.

अब इस नारियल को धागे सहित आग में डाल दें. 

हाथ जोडकर माता धूमावती से समस्त अपराधों के लिये क्षमा मांगें.

अंत में एक पानी वाला नारियल फ़ोडकर उसका पानी हवन में डाल दें, इस नारियल को उस समय या बाद मे किसी सुनसान जगह या नदी तालाब मे डाल दें । इसे खायें नही.

अब नहा लें तथा जगह हो तो जाप वाली जगह पर ही सो जायें.

आग ठंडी होने के बाद अगले दिन राख को नदी या तालाब में विसर्जित करें ... 

अगले दिन या जब संभव हो किसी विधवा स्त्री को धन या भोजन जो आपकी इच्छा हो वह दान करें .... 

1 टिप्पणी:

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