19 सितंबर 2025

भूत प्रेत जिन्न पिशाच आदि से रक्षा के लिए महाकाली मंत्र

 भूत प्रेत जिन्न पिशाच आदि से रक्षा के लिए महाकाली मंत्र 

यदि आपको इस प्रकार की कोई भी समस्या हो तो इस नवरात्रि मे इस सिद्ध मंत्र का जाप करके स्वयं इसका प्रभाव अनुभव करें ।. 

महाकाली सिद्ध मंत्र :- 

।। हुं हुं ह्रीं ह्रीं कालिके घोर दन्ष्ट्रे प्रचन्ड चन्ड नायिके दानवान दारय हन हन शरीरे महाविघ्न छेदय छेदय स्वाहा हुं फट ।।


यह महाकाली का स्वयंसिद्ध मन्त्र है.
तंत्र बाधा की काट , भूत बाधा आदि में लाभ प्रद है .
नवरात्रि मे इसका जाप करना ज्यादा लाभदायक है . 108 बार नित्य जाप करें 

इस दौरान आप अपने सामने रुद्राक्ष , अंगूठी , माला आदि को सामने रखकर उसे मंत्र सिद्ध करके रक्षा के लिए बच्चों को भी पहना सकते हैं । 
इस मन्त्र का जाप करके रक्षा सूत्र बान्ध सकते हैं।

यदि आप  किसी ऊपरी बाधा से ग्रस्त हैं तो नवरात्रि मे नौ दिन नित्य रात्रि काल अर्थात रात्रि 9 से 3 बजे के बीच 1008 बार जाप करें । विजयदशमी के दिन यानि दशहरे के दिन 108 काली मिर्च के दाने सरसों के तेल मे भिगोकर अपने सामने रख लेंगे । लकड़ी या गोबर का कंडा जला लेंगे । एक काली मिर्च का दाना लेंगे उसे अपने माथे से स्पर्श कराकर इस मंत्र का एक बार पाठ करेंगे और फट बोलने के बाद उसे आग मे डाल देंगे । जब 108 दाने पूरे आपके अग्नि मे चले जाएँगे तो उसे प्रणाम करके माँ काली से रक्षा की प्रार्थना करके उठ जाएँगे । उस राख़ को नदी, तालाब या किसी सुनसान स्थान पर अगले दिन छोड़ देंगे ।. आपको इसका प्रभाव दिखने लगेगा । इसके बाद रक्षा के लिए नित्य सुबह बिस्तर से उठते समय इसका तीन बार उच्चारण करके बिस्तर से उठेंगे तो अनुकूलता बनी रहेगी ।  


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