12 अक्टूबर 2025

गुरु दीक्षा और लक्ष्मी पूजन मे ऑनलाइन भाग लीजिये : इस दीपावली मे





देवी महालक्ष्मी की साधना का सबसे विशिष्ट मुहूर्त होता है दीपावली ! इस अवसर पर अगर गुरु के सानिध्य में लक्ष्मी पूजन का अवसर मिले तो उसका लाभ अवश्य उठाना चाहिए । इस प्रकार के पूजन से परिवार में चली आ रही दरिद्रता और आर्थिक संकट में निश्चित रूप से लाभ प्राप्त होता है । गृहस्थ के जीवन में धन की कमी से होने वाली समस्याओं के विषय में बताने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह हर कोई जानता है ।  लेकिन....  
उन समस्याओं से निजात पाने और आर्थिक लाभ बढ़ाने व्यापार या नौकरी में बेहतर आर्थिक अवसर पाने के लिए भगवती महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना अनिवार्य होता है । उसके लिए अगर आप आध्यात्मिक उपायों का सहारा लें तो उसमें सर्वश्रेष्ठ उपाय महालक्ष्मी की दीक्षा और उनके पूजन को माना गया है । यदि वह दीपावली जैसे विशिष्ट अवसर पर संपन्न की जाए, जो कि उनका स्वयं का सिद्धि पर्व है; तो इसका लाभ कई गुना बढ़ जाता है । 


यदि आप आर्थिक समस्याओं से परेशान है !
आपका व्यापार नहीं चल रहा है.....  तो आप अवश्य इस अवसर का लाभ उठाएं । ऑनलाइन पूजन अनुष्ठान मे भाग लें और मिलने वाले मंत्र का नित्य जाप करके आर्थिक अनुकूलता की ओर अपने कदम बढ़ाए.....  




नोट:शिविर ऑनलाइन होगा जो भी साधक शिविर में सम्मिलित होना चाहते हैं, वे कृपया नीचे दिये गये नम्बरों में से किसी भी नम्बर पर सम्पर्क कर सकतें है। 👇


🔴 प्रशांत पांड़े (दिल्ली) 8800458271

🟠  रजनीश आचार्य (छिंदवाड़ा) 9425146518

🟠 देवेन्द्र उइके (नागपुर): 9096078410 

🟡मनोहर सरजाल (छत्तीसगढ़)+91 90091 60861

🟡सचिन किसवे (लातूर)+91 93257 77190

🟠 सुभाष शर्मा (उदयपुर) 9929140845

🟡प्रेमजीत सिंह (पटना)+91 87574 02620

🟡विनयशर्मा(गुना)9685224686

🔴कपिल वास्पत (इंदौर) 9179050735

🔵रणजीत अन्कुलगे (उदगीर) 9923440540

🟡विनय शर्मा ( अयोध्या)09235712271

🟢करुणेश कर्ण (पटना)+91 98522 84595

🟣स्वाति शर्मा (गाजियाबाद) 9958862952,9354101677

🔵सन्तोष नागतोडे (मोइझिरि) 9301107239

🟠 कार्यालय भोपाल 0755-+917554269368

2 अक्टूबर 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ: शताब्दी वर्ष पर शुभकामनायें

 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ: शताब्दी वर्ष पर शुभकामनायें


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भारत का एक प्रमुख, गैर-राजनीतिक और विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है, जिसकी स्थापना 27 सितंबर 1925 को डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने महाराष्ट्र के नागपुर में विजयादशमी के दिन की थी। यानि इस वर्ष अर्थात 2025 की विजयदशमी को संघ पूरे सौ साल का हो जाएगा । संघ की स्थापना का मूल उद्देश्य भारतीय समाज को संगठित, सशक्त और गौरवशाली बनाना था, जो भारतीय संस्कृति और विरासत के मूल्यों पर आधारित हो। अब आप इस संगठन के सैद्धान्तिक और वैचारिक सामाजिक प्रभाव को इस बात से समझ सकते हैं कि भारत के सर्वोच्च पदों पर संघ के तैयार किए गए व्यक्तित्व विराजमान हैं :-


आइये जानते हैं कि आखिर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ है क्या और उसने ऐसा कौन सा कार्य किया है जिसकी वजह से उसे इतना राष्ट्रव्यापी समर्थन और सहमति प्राप्त है ।
संघ की कार्यप्रणाली निम्नलिखित प्रमुख सिद्धांतों पर टिकी हुई है:

व्यक्ति निर्माण: संघ का मानना है कि राष्ट्र का निर्माण व्यक्तियों के निर्माण से होता है। इसलिए, स्वयंसेवकों को शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से मजबूत बनाने पर जोर दिया जाता है।

हिंदुत्व और राष्ट्रीयता: संघ 'हिंदुत्व' को एक जीवन-पद्धति और भारतीय संस्कृति के रूप में देखता है। यह सभी भारतीयों को एक समान राष्ट्रीय पहचान के तहत संगठित करने पर बल देता है।

सेवा भाव: निस्वार्थ भाव से समाज और राष्ट्र की सेवा करना संघ के स्वयंसेवकों का मूल मंत्र है।

अनुशासन और समर्पण: संघ अपने स्वयंसेवकों में कठोर अनुशासन, समर्पण और निःस्वार्थ कार्य की भावना पैदा करता है।

कार्यप्रणाली (शाखा तंत्र)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विशिष्टता उसकी अनूठी कार्यप्रणाली में निहित है, जिसे 'शाखा' कहा जाता है।

शाखा: यह संघ की सबसे छोटी और मूलभूत इकाई है, जो प्रतिदिन या सप्ताह में कुछ बार निश्चित समय पर एक निर्धारित स्थान पर लगती है। शाखा में स्वयंसेवक एक साथ आते हैं और शारीरिक (खेल, योग), बौद्धिक (चर्चा, गीत, कहानी) और नैतिक शिक्षा का प्रशिक्षण लेते हैं। यह एक प्रकार का संस्कार केंद्र है, जो व्यक्ति को देशभक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी के लिए तैयार करता है।

प्रशिक्षण वर्ग: स्वयंसेवकों को क्रमबद्ध तरीके से प्रशिक्षित करने के लिए प्राथमिक, संघ शिक्षा वर्ग (ओटी्सी) जैसे प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाते हैं।

संगठनात्मक संरचना: संघ का कार्य क्षेत्र केंद्र, क्षेत्र, प्रांत, विभाग, जिला, नगर और खंड के स्तरों पर संगठित है। इसका शीर्ष नेतृत्व सरसंघचालक के पास होता है।

संघ परिवार को आज सबसे शक्तिशाली माना जाता है आइये जानते हैं कि क्या है

संघ परिवार 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भारतीय समाज के लगभग हर क्षेत्र में काम करने के लिए 40 से अधिक अनुषांगिक संगठनों का एक विशाल नेटवर्क स्थापित किया है, जिसे सामूहिक रूप से "संघ परिवार" कहा जाता है। इन संगठनों के कार्य और उद्देश्य इस प्रकार हैं:

भारतीय जनता पार्टी - संघ परिवार की राजनीतिक शाखा है। इसका उद्देश्य भारतीय राष्ट्रवाद और अंत्योदय (सबसे गरीब का उत्थान) की विचारधारा के आधार पर राजनीतिक शक्ति प्राप्त करना और देश का शासन चलाना है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद - यह विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। इसका उद्देश्य छात्रों में राष्ट्रभक्ति, सामाजिक चेतना जगाना और शैक्षणिक परिसर को राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का केंद्र बनाना है।

भारतीय युवा मोर्चा - भारतीय जनता पार्टी की युवा शाखा। यह युवाओं को राजनीति और राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया से जोड़ने का काम करती है।

भारतीय मजदूर संघ - यह भारत का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन (ट्रेड यूनियन) है। यह राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए मजदूरों के अधिकारों और उनके कल्याण के लिए संघर्ष करता है।

भारतीय किसान संघ - यह किसानों के हितों की रक्षा के लिए काम करता है। इसका उद्देश्य कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना तथा किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना है।

स्वदेशी जागरण मंच - यह संगठन स्वदेशी (आर्थिक स्व-निर्भरता) नीतियों की वकालत करता है। यह विदेशी निवेश और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के खिलाफ जागरूकता फैलाता है।

लघु उद्योग भारती - लघु और मध्यम उद्योगों के हितों की रक्षा और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए काम करता है।

विश्व हिंदू परिषद - यह धार्मिक और सांस्कृतिक संगठन है। इसका मुख्य उद्देश्य हिंदू धर्म, संस्कृति और मूल्यों की रक्षा करना, हिंदू समाज के विभिन्न संप्रदायों के बीच समन्वय स्थापित करना और धर्म परिवर्तन को रोकना है।

सेवा भारती - यह सामाजिक सेवा के लिए समर्पित संगठन है। यह देश के दूर-दराज और वंचित क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, आपदा राहत और स्वरोजगार के माध्यम से सेवा कार्य करता है।

वनवासी कल्याण आश्रम - यह आदिवासी (वनवासी) समुदायों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्यरत है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक उत्थान और सांस्कृतिक संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करता है।

सक्षम - यह दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और उनकी क्षमताओं को विकसित करने के लिए काम करता है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।

विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान - यह शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन है। यह देशभर में 'सरस्वती शिशु मंदिर' जैसे हजारों विद्यालय चलाता है, जो भारतीय मूल्यों, संस्कृति और राष्ट्रभक्ति पर आधारित शिक्षा प्रदान करते हैं।

संस्कार भारती - यह कला और संस्कृति के संरक्षण और प्रचार के लिए काम करता है। इसका उद्देश्य भारतीय कलाओं, लोक कलाओं और संस्कृति को पुनर्जीवित करना है।

विवेकानंद केंद्र - स्वामी विवेकानंद के विचारों पर आधारित मानव निर्माण और राष्ट्र निर्माण के लिए कार्यरत है। यह योग, शिक्षा, और प्राकृतिक संसाधन विकास जैसे क्षेत्रों में काम करता है।

इतिहास संकलन योजना - इसका उद्देश्य भारतीय इतिहास को भारतीय दृष्टिकोण से संकलित और पुनर्लेखित करना है, ताकि इतिहास में हुए विकृतियों को ठीक किया जा सके।

राष्ट्र सेविका समिति - इसका उद्देश्य महिलाओं में राष्ट्रीय भावना, चरित्र निर्माण और आत्मविश्वास को बढ़ाना है।

प्रज्ञा प्रवाह - विभिन्न क्षेत्रों में संघ के विचारधारात्मक संवाद और बौद्धिक आदान-प्रदान के लिए एक मंच।

पूर्व सैनिक सेवा परिषद - भूतपूर्व सैनिकों को सामाजिक कार्यों से जोड़कर राष्ट्र सेवा में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना।