भगवान शिव के अघोर रूप की साधना :-
अघोरेभ्यो S थोरेभ्यो, घोर घोर तरेभ्यः ।
सर्वेभ्यः सर्व सर्वेभ्यो, नमस्तेस्तु रुद्र रूपेभ्यः ॥
एक प्रयास सनातन धर्म[Sanatan Dharma] के महासमुद्र मे गोता लगाने का.....कुछ रहस्यमयी शक्तियों [shakti] से साक्षात्कार करने का.....गुरुदेव Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji [ Nikhileswaranand Ji] की कृपा से प्राप्त Mantra Tantra Yantra विद्याओं को समझने का...... Kali, Sri Yantra, Laxmi,Shiv,Kundalini, Kamkala Kali, Tripur Sundari, Maha Tara ,Tantra Sar Samuchhay , Mantra Maharnav, Mahakal Samhita, Devi,Devata,Yakshini,Apsara,Tantra, Shabar Mantra, जैसी गूढ़ विद्याओ को सीखने का....
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12 अगस्त 2010
10 अगस्त 2010
9 अगस्त 2010
शिव गायत्री मन्त्र
वे साधक जो गायत्री साधना नियमित करते हों वे शिव गायत्री मन्त्र का प्रयोग कर सकते हैं :-
॥ऊं महादेवाय विद्महे रुद्र मूर्तये धीमहि तन्नो शिवः प्रचोदयात ॥
॥ऊं महादेवाय विद्महे रुद्र मूर्तये धीमहि तन्नो शिवः प्रचोदयात ॥
8 अगस्त 2010
भगवान शिव को बिल्व पत्र चढाने का मन्त्र
दर्शनम बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम पापनाशनम ।
अघोर पाप संहारकम एक बिल्व पत्रम शिवार्पणम ॥
7 अगस्त 2010
दक्षिणामूर्ति शिव
दक्षिणामूर्ति शिव भगवान शिव का सबसे तेजस्वी स्वरूप है । यह उनका आदि गुरु स्वरूप है । इस रूप की साधना सात्विक भाव वाले सात्विक मनोकामना वाले तथा ज्ञानाकांक्षी साधकों को करनी चाहिये ।
6 अगस्त 2010
5 अगस्त 2010
3 अगस्त 2010
2 अगस्त 2010
भगवान शिव को बिल्व पत्र चढाने का मन्त्र
भगवान शिव को बिल्व पत्र चढाने का मन्त्र:-
काशीवासनिवासिनम कालभैरवपूजिताम ।
कोटि कन्या महादानम एक बिल्वपत्रम शिवार्पणम ॥
1 अगस्त 2010
31 जुलाई 2010
दश महाविद्या प्रार्थना
दसों महाविद्याओं की कृपा प्राप्ति करने के लिये निम्नलिखित स्तोत्र का पाठ करें :-
श्यामा वत्सतया करोतु कुशलं तारा तनोतु श्रियम ।
दीर्घायुर्भुवनेश्वरीं वितनुतां विघ्नं हरेत षोडशी ॥
भैरव्यस्तु कुलावहा रिपु कुलं सा छिन्नमस्ता हरेत ।
मातंगी बगलामुखीं च कमला धूमावती पातु नः ॥
श्यामा वत्सतया करोतु कुशलं तारा तनोतु श्रियम ।
दीर्घायुर्भुवनेश्वरीं वितनुतां विघ्नं हरेत षोडशी ॥
भैरव्यस्तु कुलावहा रिपु कुलं सा छिन्नमस्ता हरेत ।
मातंगी बगलामुखीं च कमला धूमावती पातु नः ॥
30 जुलाई 2010
29 जुलाई 2010
28 जुलाई 2010
27 जुलाई 2010
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