18 जनवरी 2011

बगलामुखी ध्यान

मध्ये सुधाब्धि मणि मंडप रत्न वेधां, सिंहासनो परिगतां परिपीत्वर्णाम ।

पीताम्बराभरण माल्य विभूषितांगीम ,देवीं नमामि धृतमुद्गर वैरि जिह्वाम ॥

16 जनवरी 2011

भगवती बगलामुखी साधना के लिये सामान्य नियम


भगवती बगलामुखि की साधना सामान्यतः शत्रुनाश और मुकदमों में विजय प्राप्ति के लिये की जाती है.इस साधना के सामान्य नियम :-

  1. साधक को सात्विक आचार तथा व्यवहार रखना चाहिये.
  2. साधना काल में पीले रंग के वस्त्र तथा आसन का उपयोग करॆं.
  3. साधना रात्रिकालीन है अर्थात रात्रि ९ से सुबह ४ के मध्य मन्त्र जाप करें.
  4. साधनाकाल में क्रोध ना करें.
  5. साधना काल में यथासंभव ब्रह्मचर्य का पालन करें.
  6. साधनाकाल में किसी स्त्री का अपमान ना करें.
  7. हल्दी या पीली हकीक की माला से जाप करें.
  8. साधना करने से पहले गुरु दीक्षा लें गुरु से अनुमति लेकर ही यह साधना करें. यह साधना उग्र साधना है इसलिये नन्हे बालक तथा कमजोर मानसिक स्थिति वाले इस साधना को ना करें.
  9. सामान्यतः सवा लाख जाप का पुरश्चरण तथा १२५०० मन्त्रों से हवन किया जाना अपेक्षित है.
  10. हवन पीली सरसों से किया जायेगा.

12 जनवरी 2011

तान्त्रिक ग्रन्थ

 तन्त्र साधनाओं से संबंधित प्रामाणिक ग्रन्थों के लिये 
संपर्क करें:-

परावाणी आध्यात्मिक शोध संस्थान
श्री चण्डी धाम
अलोपी देवी मार्ग
प्रयाग
211006
फोन - 9450222767
www.paravani.org

11 जनवरी 2011

नव काली




तन्त्र साधनाओं में नौ कालियों का विवेचन है वे हैं:-


  1. दक्षिणकाली.
  2. भद्रकाली.
  3. श्मशानकाली.
  4. कालकाली.
  5. गुह्यकाली.
  6. कामकलाकाली.
  7. धनकाली.
  8. सिद्धिकाली.
  9. चण्डकाली.

8 जनवरी 2011

कामकला काली माहात्म्य





राज्यं दद्याद्ध्नं दद्यात स्त्रियं दद्याच्छिरस्तथा ।

न तु कामकलाकालीं दद्यात्कस्मापि क्वचित ॥



साधनाओं के क्षेत्र में कामकला काली की साधना को सर्वोपरि माना जाता है, इसके लिये कहा गया है कि प्राण का दान देकर भी यह विद्या मिल जाये तो इसे सप्रयास ग्रहण करना चाहिये ।

5 जनवरी 2011

कामाख्या मन्त्रम

भगवती कामाख्या मूल शक्ति हैं , जो सभी साधनाओं का मूल हैं ।


॥ ऊं ऎं ह्रीं क्लीं कामाख्यायै स्वाहा ॥

3 जनवरी 2011

नव वर्ष



गुरुकृपा जीवन का आधार है..........

आपको जीवन मे श्रेष्ठ गुरु का सानिध्य प्राप्त हो ऐसी ही शुभकामना है......

नववर्ष आपके लिये मंगलमय हो...

न गुरोरधिकम....


न गुरोरधिकम..........


न गुरोरधिकम..................

7 अक्तूबर 2010

नवार्ण हवन


अष्टमी या नवमी को आप हवन कर सकते हैं ॥

मन्त्र रहेगा :-

॥ ऐं ह्रीं क्लीं चामुन्डायै विच्चै स्वाहा ॥

6 अक्तूबर 2010

नवार्ण मन्त्रम



॥ ऐं ह्रीं क्लीं चामुन्डायै विच्चै ॥



ऐं = सरस्वती का बीज मन्त्र है ।

ह्रीं = महालक्ष्मी का बीज मन्त्र है ।

क्लीं = महाकाली का बीज मन्त्र है ।

नवरात्री में नवार्ण मन्त्र का जाप इन तीनों देवियों की कृपा प्रदान करता है ।

4 अक्तूबर 2010

अष्टकाली मन्त्रम



रात्रि काल ९ से ३ बजे के बीच ही साधना करें ।
काले या लाल रंग के वस्त्र पहनें ।
रुद्राक्ष या काली हकीक की माला से जाप करें ।


॥ ऊं अष्टकाल्यै क्रीं श्रीं ह्रीं क्रीं सिद्धिम देहि दापय नमः ॥




अष्टकाली:-
कामकला काली, त्रिपुर  काली, दीर्घ  काली, गुह्य   काली,  श्मशान  काली, नैरित्य  काली, दक्षिण  काली, अग्नि  काली, आकाश  काली, पाताल  काली,