21 जुलाई 2011

महाविद्याओं का एक अनोखा मंदिर है निखिल धाम

महाविद्याओं का एक अनोखा मंदिर है निखिल धाम






परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी [ डा नारायण दत्त श्रीमाली जी ] का यह दिव्य मंदिर है.

इसका निर्माण परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी [Dr. Narayan dutta Shrimali Ji ] के प्रिय शिष्य स्वामी सुदर्शननाथ जी तथा डा साधना सिंह जी ने करवाया है.



यह [ Nikhildham ] भोपाल [ मध्यप्रदेश ] से लगभग २५ किलोमीटर की दूरी पर भोजपुर के पास लगभग ५ एकड के क्षेत्र में बना हुआ है.

यहां पर  महाविद्याओं के अद्भुत तेजस्वितायुक्त विशिष्ठ मन्दिर बनाये गये हैं.













13 जुलाई 2011

तीन मुखी रुद्राक्ष

तीन मुखी रुद्राक्ष को दत्तात्रेय रुद्राक्ष तथा महामृत्युंजय रुद्राक्ष भी कहते हैं

इसे धारण करने से सभी प्रकार की बीमारियां दूर होती हैं. पीलिया रोग में यह विशेष लाभप्रद होता है. तीन मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति को क्रियाशील रखता है. बेरोजगारी से मुक्ति दिलाता है. तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से स्त्री हत्या का पाप शमित होता है. तीन मुखी रुद्राक्ष अग्नि स्वरूप माना गया है. 

मंत्रम:- 

॥ ॐ रं इं ह्रीं ॐ ॥









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12 जुलाई 2011

साधना सिद्धि विज्ञान - जुलाई २०११

इस माह की पत्रिका 

भगवान नरसिंह

 के दुर्लभ मंत्रों तथा साधना विधियों से परिपूर्ण है.





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दशाक्षरी महामृत्युन्जय मन्त्रम


दशाक्षरी महामृत्युन्जय मन्त्रम :-

यदि खुद कर रहे हैं तो:-

॥ ॐ जूं सः  मां  पालय पालय॥

यदि किसी और के लिये [उदाहरण : मान लीजिये "अनिल" के लिये ] कर रहे हैं तो :-
॥ ॐ जूं सः ( अनिल) पालय पालय॥


  • यदि रोगी जाप करे तो पहला मंत्र करे.
  • यदि रोगी के लिये कोइ और करे तो दूसरा मंत्र करे. नाम के जगह पर रोगी का नाम आयेगा.
  • रुद्राक्ष माला धारण करें.
  • रुद्राक्ष माला से जाप करें.
  • बेल पत्र चढायें.
  • भस्म [अगरबत्ती की राख] से तिलक करें.

7 जुलाई 2011

अघोरेश्वर महादेव मन्त्रम







॥ ऊं अघोरेश्वराय महाकालाय नमः ॥

  • १,२५,००० मंत्र का जाप .
  • पूरे श्रावण मास तक जाप पूरा करें .
  • दिगंबर अवस्था में जाप करें.
  • पहले एक माला गुरुमंत्र [॥ ऊं परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥] का जाप करें.
  • अपने शरीर पर अगरबत्ती की राख से त्रिपुंड बनाएं 
  • त्रिपुंड का मतलब तीन रेखा वाला तिलक.इसे माथे, गाल,  दोनों   बांह, हृदय,नाभि, दोनों बाजू,  दोनों   जांघ और पीठ पर बनाना चाहिये.
  • रुद्राक्ष पहने तथा रुद्राक्ष की माला से जाप करें.
  • किसी हालत में क्रोध ना करें. क्रोध बहुत आयेगा मगर उसपर नियंत्रण करने से ही शिव कृपा मिलेगी.
  • किसी स्त्री का अपमान ना करें.
  • सात्विक आचार विचार और व्यवहार रखें.

श्री वेंकटेशम



|| ॐ श्री वेंकटेश्वराय नमः ॥

3 जुलाई 2011

Sadgurudev : Dr. Narayan Dutta Shrimali Ji



|| Om param tatvaay naaraayanaay gurubhyo namaha ||




सद्गुरुदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी : श्रद्धांजलि


परम हंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी

॥ ॐ श्रीं ब्रह्मांड स्वरूपायै निखिलेश्वरायै नमः ॥

...नमो निखिलम...
......नमो निखिलम......
........नमो निखिलम........



  • यह परम तेजस्वी गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी का तान्त्रोक्त मन्त्र है.
  • पूर्ण ब्रह्मचर्य / सात्विक आहार/आचार/विचार के साथ जाप करें.
  • पूर्णिमा से प्रारंभ कर अगली पूर्णिमा तक करें.

2 जुलाई 2011

गुरु : साधना


  • गुरु साधना जगत का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है.
  • गुरु साधक को मातृवत उंगली पकड कर चलना सिखाता है, तभी साधक दैवीय साक्षात्कार का पात्र बनता है.
  • ना गुरोरधिकम....ना गुरोरधिकम...ना गुरोरधिकम...

गुरु मंत्रम:-

॥ ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥


  • सफ़ेद वस्त्र तथा आसन पहनकर जाप करें.
  • रुद्राक्ष या स्फ़टिक की माला श्रेष्ठ है.
  • माला न हो तो ऐसे भी जाप कर सकते हैं.
  • यथा शक्ति जाप करें.