एक प्रयास सनातन धर्म[Sanatan Dharma] के महासमुद्र मे गोता लगाने का.....कुछ रहस्यमयी शक्तियों [shakti] से साक्षात्कार करने का.....गुरुदेव Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji [ Nikhileswaranand Ji] की कृपा से प्राप्त Mantra Tantra Yantra विद्याओं को समझने का...... Kali, Sri Yantra, Laxmi,Shiv,Kundalini, Kamkala Kali, Tripur Sundari, Maha Tara ,Tantra Sar Samuchhay , Mantra Maharnav, Mahakal Samhita, Devi,Devata,Yakshini,Apsara,Tantra, Shabar Mantra, जैसी गूढ़ विद्याओ को सीखने का....
Disclaimer
ब्लॉग पर दिखाये गए विज्ञापन गूगल तथा थर्ड पार्टी द्वारा दिखाये जाते हैं । उनकी प्रमाणकिता, प्रासंगिकता तथा उपयोगिता पर स्वविवेक से निर्णय लें ।
23 अक्तूबर 2014
21 अक्तूबर 2014
अघोर : १०८ लक्ष्मी ताबीज
आवश्यक सामग्री.
- भोजपत्र
- अष्टगंध
- कुमकुम.
- चांदी की लेखनी , चांदी के छोटे से तार से भी लिख सकते हैं.
- उचित आकार का एक ताबीज जिसमे यह यंत्र रख कर आप पहन सकें.
- दीपावली की रात या किसी भी अमावस्या की रात को कर सकते हैं.
विधि विधान :-
- धुप अगर बत्ती जला दें.
- संभव हो तो घी का दीपक जलाएं.
- रात्रि 11 बजे के बाद , स्नान कर के बिना किसी वस्त्र का स्पर्श किये पूजा स्थल पर बिना किसी आसन के जमीन पर बैठें.
- मेरे परम श्रद्धेय सदगुरुदेव डॉ.नारायण दत्त श्रीमाली जी को प्रणाम करें.
- 1 माला गुरु मंत्र का जाप करें " ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ". उनसे पूजन को सफल बनाने और आर्थिक अनुकूलता प्रदान करने की प्रार्थना करें.
- इस यन्त्र का निर्माण अष्टगंध से भोजपत्र पर करें.
- इस प्रकार 108 बार श्रीं [लक्ष्मी बीज मंत्र] लिखें.
- हर मन्त्र लेखन के साथ मन्त्र का जाप भी मन में करतेरहें.
- यंत्र लिख लेने के बाद 108 माला " ॐ श्रीं ॐ " मंत्र का जाप यंत्र के सामने करें.
- एक माला पूर्ण हो जाने पर एक श्रीं के ऊपर कुमकुम की एक बिंदी लगा दें.
- इस प्रकार १०८ माला जाप जाप पूरा होते तक हर "श्रीं" पर बिंदी लग जाएगी.
- पुनः 1 माला गुरु मंत्र का जाप करें " ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ".
- जाप पूरा हो जाने के बाद इस यंत्र को ताबीज में डाल कर गले में धारण कर लें.
- कोशिश यह करें की इसे न उतारें.
- उतारते ही इसका प्रभाव ख़तम हो जायेगा. ऐसी स्थिति में इसे जल में विसर्जित कर देना चाहिए . अपने पास नहीं रखना चाहिए. अगली अमावस्या को आप इसे पुनः कर सकते हैं.
17 अक्तूबर 2014
तारा साधना : 23 अक्टूबर : सूर्यग्रहण
- सूर्य ग्रहण तारा साधना का सबसे उपयुक्त समय है ।
- तारा काली कुल की महविद्या है ।
- तारा महाविद्या की साधना जीवन का सौभाग्य है ।
- यह महाविद्या साधक की उंगली पकडकर उसके लक्ष्य तक पहुन्चा देती है।
- गुरु कृपा से यह साधना मिलती है तथा जीवन को निखार देती है ।
- साधना से पहले गुरु से तारा दीक्षा लेना लाभदायक होता है ।
- तारा दीक्षा से सम्बंधित जानकारी के लिए संपर्क कर सकते हैं:-
- साधना सिद्धि विज्ञानजास्मीन - 429न्यू मिनाल रेजीडेंसीजे. के. रोड , भोपाल [म.प्र.]
दूरभाष : (0755) --- 4269368,4283681,4221116जानकारी, जिज्ञासा, सूचना हेतु कार्यालय में सम्पर्क का समय :१० बजे से ७ बजे तक (रविवार अवकाश)
तारा मंत्रम
॥ ऐं ऊं ह्रीं स्त्रीं हुं फ़ट ॥
- मंत्र का जाप रात्रि काल में ९ से ३ बजे के बीच करना चाहिये.
- यह रात्रिकालीन साधना है.
- सूर्यग्रहण से प्रारंभ करें और अगली अमावस्या तक करें.
- गुलाबी वस्त्र/आसन/कमरा रहेगा.
- उत्तर या पूर्व की ओर देखते हुए जाप करें.
- यथासंभव एकांत वास करें.
- सवा लाख जाप का पुरश्चरण है.
- ब्रह्मचर्य/सात्विक आचार व्यव्हार रखें.
- किसी स्त्री का अपमान ना करें.
- क्रोध और बकवास ना करें.
- साधना को गोपनीय रखें.
प्रतिदिन तारा त्रैलोक्य विजय कवच का एक पाठ अवश्य करें. यह आपको निम्नलिखित ग्रंथों से प्राप्त हो जायेगा.
तारा स्तव मंजरी
साधना सिद्धि विज्ञान मासिक पत्रिका
16 अक्तूबर 2014
साधना सिद्धि विज्ञान : नवम्बर 1999 : रूद्र विशेषांक
साधना सिद्धि विज्ञान मासिक पत्रिका साधना सिद्धि विज्ञान मासिक पत्रिका का प्रकाशन वर्ष 1999 से भोपाल से हो रहा है. यह पत्रिका साधनाओं के गूढतम रहस्यों को साधकों के लिये स्पष्ट कर उनका मार्गदर्शन करने में अग्रणी है.
साधना सिद्धि विज्ञान मासिक
पत्रिका
साधना सिद्धि विज्ञान मासिक पत्रिका का प्रकाशन वर्ष 1999 से भोपाल से हो रहा है.यह पत्रिका साधनाओं के गूढतम रहस्यों को साधकों के लिये स्पष्ट कर उनका मार्गदर्शन करने में अग्रणी है.
गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी तथा गुरुमाता साधनाजी के साधनात्मक अनुभव के प्रकाश मे प्रकाशित साधनात्मक ज्ञान आप को स्वयम अभिभूत कर देगा
[ Sadhana Siddhi Vigayan monthly magazine,a knowledge bank of Tantra, Mantra, Yantra Sadhana]
समस्त प्रकार की साधनात्मक जानकारियों से भरपूर शुद्द पूजन तथा प्रयोगों की जानकारी के लिये
साधना सिद्धि विज्ञान पढें:-
वार्षिक सदस्यता शुल्क = 250 रुपये मनीआर्डर द्वारा निम्नलिखित पते पर भेजें
अगले माह से आपकी सदस्यता प्रारंभ कर दी जायेगी
पत्रिका कार्यालय का पता:-
साधना सिद्धि
विज्ञान
शोप न. 5 प्लाट न. 210
एम.पी.नगर
भोपाल [म.प्र.]462011
एम.पी.नगर
भोपाल [म.प्र.]462011
0755-
4269368
0755-
4283681
0755-
4221116
15 अक्तूबर 2014
महालक्ष्मी साधना
॥ ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महा लक्ष्मै नमः ॥
- भगवती लक्ष्मी का विशेष मन्त्र है.
- गुलाबी या लाल रंग के वस्त्र तथा आसन का प्रयोग करें.न हों तो कोई भी साफ धुला वस्त्र पहन कर बैठें.
- अगरबत्ती इत्र आदि से पूजा स्थल को सुगन्धित करें.
- विवाहित हों तो पत्नी सहित बैठें तो और लाभ मिलेगा.
- रात्रि 9 से 5 के बीच यथा शक्ति जाप करें.
- क्षमता हो तो घी का दीपक लगायें ।
भूलोक के पालन कर्ता हैं भगवान् विष्णु और उनकी शक्ति हैं महामाया महालक्ष्मी ....
इस संसार में जो भी चंचलता है अर्थात गति है उसके मूल में वे ही हैं.....
उनके अभाव में गृहस्थ जीवन अधूरा अपूर्ण अभावयुक्त और अभिशापित है....
लक्ष्मी की कृपा के बिना सुखद गृहस्थ जीवन बेहद कठिन है............... बाकी आप स्वयं समझदार हैं...
इस संसार में जो भी चंचलता है अर्थात गति है उसके मूल में वे ही हैं.....
उनके अभाव में गृहस्थ जीवन अधूरा अपूर्ण अभावयुक्त और अभिशापित है....
लक्ष्मी की कृपा के बिना सुखद गृहस्थ जीवन बेहद कठिन है............... बाकी आप स्वयं समझदार हैं...
11 अक्तूबर 2014
महालक्ष्मी बीज मंत्रम
भूलोक के पालन कर्ता हैं भगवान् विष्णु और उनकी शक्ति हैं महामाया महालक्ष्मी ....
इस संसार में जो भी चंचलता है अर्थात गति है उसके मूल में वे ही हैं.....
उनके अभाव में गृहस्थ जीवन अधूरा अपूर्ण अभावयुक्त और अभिशापित है....
लक्ष्मी की कृपा के बिना सुखद गृहस्थ जीवन बेहद कठिन है...............
॥ श्रीं ॥
- भगवती लक्ष्मी का बीज मन्त्र है.
- गुलाबी या लाल रंग के वस्त्र तथा आसन का प्रयोग करें.
- न हों तो कोई भी साफ धुला वस्त्र पहन कर बैठें.
- अगरबत्ती इत्र आदि से पूजा स्थल को सुगन्धित करें.
- विवाहित हों तो पत्नी सहित बैठें तो और लाभ मिलेगा.
- रात्रि ९ से ५ के बीच 108 माला या यथा शक्ति जाप करें.
- क्षमता हो तो घी का दीपक लगायें ।
9 अक्तूबर 2014
7 अक्तूबर 2014
सम्मोहन साधना : 8 अक्टूबर 2014 : चंद्रग्रहण
सम्मोहन का मतलब होता है , व्यक्तित्व ऐसा हो की लोग प्रभावित हों आकर्षित हों. यह स्त्री पुरुष आकर्षण के मामले में भर लागु नहीं होता , जीवन के हर क्षेत्र में इसकी आवश्यकता होती है. दुकान भी उसी दुकानदार की ज्यादा चलती है जिसके व्यक्तित्व में ज्यादा आकर्षण या सम्मोहन होता है. पत्नी भी उसी पति की बात मानती है जिससे उसे आकर्षण होता है. बॉस भी उसी कर्मचारी की बातको तवज्जो देता है जिसके व्यक्तित्व में सम्मोहन होता है. जनता भी उसी नेता का अनुसरण करती है जिसका व्यक्तित्व सम्मोहक होता है.
सम्मोहन शारीर या चेहरे की सुन्दरता से नहीं होता वह कुछ ऐसा आतंरिक वाइब्रेशन है जो लोगों को खींचता है . ऐसी ही एक विधि प्रस्तुत है जो आपके अन्दर के सम्मोहन को आकर्षण को बढ़ाएगा.
दिनांक 8 अक्टूबर को चंद्रग्रहण है समय आप केलेंडर में देख लेंगे .
कमोबेश दोपहर को सवा दो बजे से शाम सवा छह बजे तक ग्रहण का समय है .
यह सम्मोहन साधना का सबसे बढ़िया दिवस होता है.
ग्रहण काल में अपनी शक्ति के अनुसार मोती का एक दाना लाकर सामने रख लें. उसके सामने जितना ज्यादा से ज्यादा जाप हो सके निम्न मन्त्र की करें.
|| ॐ सं सम्मोहनाय सम्मोहनाय सं सोमाय नम: ||
इसे हो सके तो उसी दिन पहन लें.
शाम को जब चाँद निकले तब से जब तक आप कर सकें चाँद को देखते हुए इसी मन्त्र का जाप करें. आपकी आँखों में सम्मोहन शक्ति का विकास होगा.
विशेष :- किसी अनुचित कार्य में इसका प्रयोग न करें अन्यथा चन्द्रमा के कुपित होने के फलस्वरूप स्वेत कुष्ट [सफ़ेद दाग] जैसे दाग चेहरे पर आ सकते हैं. जो की लाइलाज होता है.
24 सितंबर 2014
काल भैरव साधना
काल भैरव साधना निम्नलिखित परिस्थितियों में लाभकारी है :-
- शत्रु बाधा.
- तंत्र बाधा.
- इतर योनी से कष्ट.
- उग्र साधना में रक्षा हेतु.
|| ॐ भ्रं काल भैरवाय फट ||
विधि :-
- रात्रि कालीन साधना है.अमावस्या, नवरात्रि,कालभैरवाष्टमी, जन्माष्टमी या किसी भी अष्टमी से प्रारंभ करें.
- रात्रि 9 से 4 के बीच करें.
- काला आसन और वस्त्र रहेगा.
- रुद्राक्ष या काली हकिक माला से जाप करें.
- १०००,५०००,११०००,२१००० जितना आप कर सकते हैं उतना जाप करें.
- जाप के बाद १० वा हिस्सा यानि ११००० जाप करेंगे तो ११०० बार मंत्र में स्वाहा लगाकर हवन कर लें.
- हवन सामान्य हवन सामग्री से भी कर सकते हैं.
- काली मिर्च या तिल का प्रयोग भी कर सकते हैं.
- अंत में एक कुत्ते को भरपेट भोजन करा दें. काला कुत्ता हो तो बेहतर.
- एक नारियल [पानीवाला] आखिरी दिन अपने सर से तीन बार घुमा लें, अपनी इच्छा उसके सामने बोल दें.
- किसी सुनसान जगह पर बने शिव या काली मंदिर में छोड़कर बिना पीछे मुड़े वापस आ जाएँ.
- घर में आकर स्नान कर लें.
- दो अगरबत्ती जलाकर शिव और शक्ति से कृपा की प्रार्थना करें.
- किसी भी प्रकार की गलती हो गयी हो तो उसके लिए क्षमा मांगे.
- दोनों अगरबत्ती घर के द्वार पर लगा दें.
23 सितंबर 2014
नवार्ण मन्त्र
जिस प्रकार एक बीज में सम्पूर्ण वृक्ष समाहित होता है वैसे ही बीज मन्त्र होते हैं.
- ऐं = सरस्वती का बीज मन्त्र है ।
- ह्रीं = महालक्ष्मी का बीज मन्त्र है ।
- क्लीं = महाकाली का बीज मन्त्र है ।
- नवरात्री में नवार्ण मन्त्र का जाप इन तीनों देवियों की कृपा प्रदान करता है.
- रात्रि में कर सकें तो बेहतर है. न कर सकें तो दिन में भी कर सकते हैं.
- रुद्राक्ष या काली हकिक या मूंगे की माला से जाप करें.
- लाल या काला वस्त्र तथा आसन रखें.
- ११०००, २१०००,५१०००,१२५००० जितनी आपकी क्षमता हो उतना जाप करें.
- हो सके तो रोज बराबर मन्त्र जाप करें.
- संयमित रहें.
- प्रलाप और बकवास न करें.
- किसी को आशीर्वाद या श्राप न दें.
- कम भोजन करें.
22 सितंबर 2014
धूमावती मंत्रम
॥ धूं धूं धूमावती ठः ठः ॥
- सर्व बाधा निवारण हेतु.
- मंगल या शनिवार से प्रारंभ करें.
- ब्रह्मचर्य का पालन करें.
- सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें.
- यथा संभव मौन रहें.
- अनर्गल प्रलाप और बकवास न करें.
- सफ़ेद वस्त्र पहनकर सफ़ेद आसन पर बैठ कर जाप करें.
- यथाशक्ति जाप जोर से बोल कर करें.
- बेसन के पकौडे का भोग लगायें.
- जाप के बाद भोग को निर्जन स्थान पर छोड कर वापस मुडकर देखे बिना लौट जायें.
- ११००० जाप करें. ११०० मंत्रों से हवन करें.मंत्र के आखिर में स्वाहा लगाकर हवन सामग्री को आग में छोडें. हवन की भस्म को प्रभावित स्थल या घर पर छिडक दें. शेष भस्म को नदी में प्रवाहित करें.
- जाप पूरा हो जाने पर किसी गरीब विधवा स्त्री को भोजन तथा सफ़ेद साडी दान में दें.
21 सितंबर 2014
छिन्नमस्ता साधना मन्त्र
॥ ऊं श्रीं ह्रीं ह्रीं क्लीं ऎं वज्रवैरोचनीयै ह्रीं ह्रीं फ़ट स्वाहा ॥
नोट:- यह साधना गुरुदीक्षा लेकर गुरु अनुमति से ही करें.....
प्रचंड तान्त्रिक प्रयोगों की शान्ति के लिये छिन्नमस्ता साधना की जाती है. यह तन्त्र क्षेत्र की उग्रतम साधनाओं में से एक है.
यह साधना गुरु दीक्षा लेकर गुरु की अनुमति से ही करें. यह रात्रिकालीन साधना है. नवरात्रि में विशेष लाभदायक है. काले या लाल वस्त्र आसन का प्रयोग करें. रुद्राक्ष या काली हकीक की माला का प्रयोग जाप के लिये करें. सुदृढ मानसिक स्थिति वाले साधक ही इस साधना को करें. साधना काल में भय लग सकता है.ऐसे में गुरु ही संबल प्रदान करता है.
गुरु दीक्षा प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:-
साधना सिद्धि विज्ञान
जैस्मिन - 429
न्यू मिनाल रेजीडेंसी
जे.के.रोड
भोपाल [म.प्र.] 462011
phone -[0755]-4283681
यह साधना गुरु दीक्षा लेकर गुरु की अनुमति से ही करें. यह रात्रिकालीन साधना है. नवरात्रि में विशेष लाभदायक है. काले या लाल वस्त्र आसन का प्रयोग करें. रुद्राक्ष या काली हकीक की माला का प्रयोग जाप के लिये करें. सुदृढ मानसिक स्थिति वाले साधक ही इस साधना को करें. साधना काल में भय लग सकता है.ऐसे में गुरु ही संबल प्रदान करता है.
गुरु दीक्षा प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:-
साधना सिद्धि विज्ञान
जैस्मिन - 429
न्यू मिनाल रेजीडेंसी
जे.के.रोड
भोपाल [म.प्र.] 462011
phone -[0755]-4283681
20 सितंबर 2014
सरल पितृ शांति विधि
पितृ पक्ष चल रहा है. सभी लोग विधि विधान से पूजन नहीं कर पते हैं .उनके लिए एक सरल विधि:-
|| ॐ सर्व पित्रेभ्यो नमः ||
|| ॐ सर्व पित्रेभ्यो नमः ||
- आपके घर में जो भोजन बना हो उसे एक थाली में सजा ले.
- उसको पूजा स्थान में अपने सामने रखकर इस मंत्र का १०८ बार जाप करें.
- हाथ में पानी लेकर कहें " मेरे सभी ज्ञात अज्ञात पितरों की शांति हो " इसके बाद जल जमीन पर छोड़ दे.
- अब उस थाली के भोजन को किसी गाय को या किसी गरीब भूखे को खिला दें.
मातंगी साधना
॥ ह्रीं क्लीं हुं मातंग्यै फ़ट स्वाहा ॥
- मातंगी साधना संपूर्ण गृहस्थ सुख प्रदान करती है.
- यह साधना जीवन में रस प्रदान करती है.
- उल्लास और आनंद के साथ अपनी क्षमतानुसार ज्यादा से ज्यादा जाप नवरात्रि में करें.
- जाप रुद्राक्ष की माला से करें. न हो तो जो उपलब्ध हो उससे कर लें.
- पूर्णिमा के दिन १००८ मन्त्रों से हवंन सामग्री में शहद मिला कर आहुति दें.
10 सितंबर 2014
शाबर रक्षा नारियल
आपने देखा होगा की
लगभग सभी दुकानों में लाल कपडे में नारियल बांधकर लटकाया जाता है, कई घरों
में भी ऐसा किया जाता है. यह स्थान देवता की पूजा और गृह रक्षा के लिए किया
जाता है.
नवरात्रि पर अपने घर मे गृह शांति और रक्षा के लिए एक विधि प्रस्तुत है जिसके द्वारा आप अपने घर पर पूजन करके नारियल बाँध सकते हैं.
आवश्यक सामग्री :-
लाल कपडा सवा मीटर
नारियल
सामान्य पूजन सामग्री
-------
यदि आर्थिक रूप से सक्षम हों तो इसके साथ रुद्राक्ष/ गोरोचन/केसर भी डाल सकते हैं.
-----
"ॐ नमो आदेश गुरून को इश्वर वाचा अजरी बजरी बाडा बज्जरी मैं बज्जरी को बाँधा, दशो दुवार छवा और के ढालों तो पलट हनुमंत वीर उसी को मारे, पहली चौकी गणपति दूजी चौकी में भैरों, तीजी चौकी में हनुमंत,चौथी चौकी देत रक्षा करन को आवे श्री नरसिंह देव जी शब्द सांचा पिंड कांचा फुरो मंत्र इश्वरी वाचा"
अब इस नारियल को लाल कपडे में लपेट ले. आपका रक्षा नारियल तय्यार है. इसे आप दशहरा, दीपावली, पूर्णिमा, अमावस्या या अपनी सुविधानुसार किसी भी दिन घर की छत में हुक हो तो उसपर बांधकर लटका दें. यदि न हो तो पूजा स्थान में रख लें. नित्य पूजन के समय इसे भी अगरबत्ती दिखाएँ.
नवरात्रि पर अपने घर मे गृह शांति और रक्षा के लिए एक विधि प्रस्तुत है जिसके द्वारा आप अपने घर पर पूजन करके नारियल बाँध सकते हैं.
आवश्यक सामग्री :-
लाल कपडा सवा मीटर
नारियल
सामान्य पूजन सामग्री
-------
यदि आर्थिक रूप से सक्षम हों तो इसके साथ रुद्राक्ष/ गोरोचन/केसर भी डाल सकते हैं.
-----
- वस्त्र/आसन लाल रंग का हो तो पहन लें यदि न हो तो जो हो उसे पहन लें.
- सबसे पहले शुद्ध होकर आसन पर बैठ जाएँ. हाथ में जल लेकर कहें " मै [अपना नाम ] अपने घर की रक्षा और शांति के लिए यह पूजन कर रहा हूँ मुझपर कृपा करें और मेरा मनोरथ सिद्ध करें."
- इतना बोलकर हाथ में रखा जल जमीन पर छोड़ दें. इसे संकल्प कहते हैं.
- नारियल पर मौली धागा [अपने हाथ से नापकर तीन हाथ लम्बा तोड़ लें.] लपेट लें.
- लपेटते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें." ॐ श्री विष्णवे नमः"
- अब अपने सामने लाल कपडे पर नारियल रख दें. पूजन करें.
- नारियल के सामने निम्नलिखित मंत्र का 1008 बार जाप करें ऐसा कम से कम तीन दिन तक करें. पूरी नवरात्रि कर सकें तो और भी बेहतर है.
"ॐ नमो आदेश गुरून को इश्वर वाचा अजरी बजरी बाडा बज्जरी मैं बज्जरी को बाँधा, दशो दुवार छवा और के ढालों तो पलट हनुमंत वीर उसी को मारे, पहली चौकी गणपति दूजी चौकी में भैरों, तीजी चौकी में हनुमंत,चौथी चौकी देत रक्षा करन को आवे श्री नरसिंह देव जी शब्द सांचा पिंड कांचा फुरो मंत्र इश्वरी वाचा"
अब इस नारियल को लाल कपडे में लपेट ले. आपका रक्षा नारियल तय्यार है. इसे आप दशहरा, दीपावली, पूर्णिमा, अमावस्या या अपनी सुविधानुसार किसी भी दिन घर की छत में हुक हो तो उसपर बांधकर लटका दें. यदि न हो तो पूजा स्थान में रख लें. नित्य पूजन के समय इसे भी अगरबत्ती दिखाएँ.
4 सितंबर 2014
शिव शक्ति मन्त्र
॥ ऊं सांब सदाशिवाय नमः ॥
लाभ - यह शिव तथा शक्ति की कृपा प्रदायक है.
विधि ---
- नवरात्रि में जाप करें.
- रात्रि काल में जाप होगा.
- रत्रि ९ बजे से सुबह ४ बजे के बीच का समय रात्रि काल है.
- सफ़ेद या लाल रंग का आसन तथा वस्त्र होगा.
- दिशा पूर्व तथा उत्तर के बीच [ईशान] की तरफ़ मुंह करके बैठना है.
- हो सके तो साधना स्थल पर ही रात को सोयें.
- सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें.
- किसी स्त्री का अपमान न करें.
- किसी पर साधन काल में क्रोध न करें.
- किसी को ना तो कोसें और ना ही व्यर्थ का प्रलाप करें.
- यथा संभव मौन रखें.
- साधना में बैठने से पहले हल्का भोजन करें अन्यथा नींद आयेगी.
सदस्यता लें
संदेश (Atom)