पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद साधना
|| ॐ श्रीं निखिलेश्वराय श्रीं ॐ ||
- वस्त्र - सफ़ेद वस्त्र धारण करें.
- आसन - सफ़ेद होगा.
- समय - प्रातः ४ से ६ बजे का समय सबसे अच्छा है, न हो पाए तो कभी भी कर सकते हैं.
- दिशा - पूर्व की ओर देखते हुए बैठें.
- पुरश्चरण - सवा लाख मंत्र जाप का होगा.यदि इतना न कर सकते हों तो यथाशक्ति करें.
- हवन - १२,५०० मंत्रों से मंत्र के पीछे स्वाहा लगाकर हवन करेंगे
.
- हवन सामग्री - दशांग या घी.
विधि :-
सामने गुरु चित्र रखें गुरु यन्त्र या श्री यंत्र हो तो वह भी रखें .
संकल्प :-
हाथ में पानी लेकर बोले की " मै [अपना नाम ] गुरुदेव परमहंस स्वामी
निखिलेश्वरानंदजी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए यह मंत्र जाप कर रहा हूँ , वे प्रसन्न हों और मुझपर कृपा करें
साधना के मार्ग पर आगे बढायें ". अब पानी निचे छोड़ दें.
निखिलेश्वरानंदजी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए यह मंत्र जाप कर रहा हूँ , वे प्रसन्न हों और मुझपर कृपा करें
साधना के मार्ग पर आगे बढायें ". अब पानी निचे छोड़ दें.
लाभ :-
पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंदजी की कृपा प्राप्त होगी जो आपको
साधना पथ पर तेजी से आगे बढ़ाएगी. गुलाब या अष्टगंध की खुशबु आना गुरुदेव के आगमन का प्रमाण है.
साधना पथ पर तेजी से आगे बढ़ाएगी. गुलाब या अष्टगंध की खुशबु आना गुरुदेव के आगमन का प्रमाण है.
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