14 नवंबर 2016

तारा साधना



तारा साधना मंत्रम


·      यह साधना गुरु दीक्षा और गुरु अनुमति से ही करनी चाहिए.
·      भगवती तारा महाविद्या की साधना में गलतियों की छूट नहीं होती. इसलिए अपने पर पूरा विश्वास होने पर ही संकल्प लें.
·      सहस्रनाम और कवच का पाठ साथ में करने से अतिरिक्त लाभ होता है.
·      भगवती तारा अपने साधक को उसी प्रकार साधना पथ पर आगे लेकर जाती है जैसे एक माँ ऊँगली पकड़कर अपने बच्चे को ले जाती है.
·      || ॐ ह्रीं स्त्रीं हूँ फट ||
·      इसके अलावा भी सैकड़ों मंत्र हैं गुरु के निर्देशानुसार उस मन्त्र का जाप करें.
·      साधना गुरूवार से प्रारम्भ करें.
·      रात्रिकालीन साधना है |
·      उत्तर दिशा की और देखते हुए बैठें.
·      एकांत कमरा होना चाहिए | साधनाकाल में कोई दूसरा उस कक्ष में ना आये चाहे वह आपकी पत्नी या बच्चा ही क्यों न हो |
·      दिन में भी मन ही मन मन्त्र जाप करते रहें .

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