भगवती कामाख्या मूल शक्ति हैं
जो सभी साधनाओं का मूल हैं ।
॥ ऊं ऎं ह्रीं क्लीं कामाख्यायै स्वाहा ॥
विशिष्ट निर्देश :-
- साधनाएँ इष्ट तथा गुरु की कृपा से प्राप्त और सिद्ध होती हैं |
- साधना की सफलता साधक की एकाग्रता और उसके श्रद्धा और विश्वास पर निर्भर करता है |
- भगवती कामाख्या मूल शक्ति हैं । इस साधना को कम से कम ५ वर्षों तक लगातार करते रहैं |
- यह साधना विवाहित साधकों को ही करनी चाहिए ।
- यह साधना पति पत्नी एक साथ करें तो ज्यादा लाभ होगा।
- इस साधना में दिशा /आसन/वस्त्र /संख्या का महत्व नहीं है
- जाप गौरीशंकर रुद्राक्ष की माला से किया जाये तो सर्व श्रेष्ट है ना हो तो पञ्चमुखी रुद्राक्ष या किसी भी रुद्राक्ष की माला स्वीकार्य है |
- यह साधना गुरु की अनुमति से ही करें।
- साधना नियमित रूप से करें।
- जाप के दौरान बकवास और बेवजह का प्रलाप चुगली आदि ना करें|
- किसी महिला ( चाहे वह नौकरानी ही क्यों न हो ) का अपमान ना करें |
- साधना काल में किसी के बारे में बुरा न बोले। भविष्यवाणी न करें।
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