- सभी प्रकार की तंत्र बाधाओं के शमन मे उपयोगी है ।
- अमावस्या, कृष्ण पक्ष मे अष्टमी/ त्रयोदशी/चतुर्दशी या सावन माह की किसी भी रात्रि करें|
- अपने सामने एक सूखा नारियल , एक कपूर की डली , 11 लौंग 11 इलायची, 1 डली लोबान या धुप रखें |
- सरसों के तेल का दीपक जलाएं |
- हाथ में नारियल लेकर अपनी मनोकामना बोलें | नारियल सामने रखें |
- दक्षिण दिशा कीओर देखकर इस मन्त्र का 108 बार जाप करें |
- अगले दिन जल प्रवाह करें ।
|| ॐ भ्रां भ्रीं भ्रूं भ्रः | ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रः |ख्रां ख्रीं ख्रूं ख्रः|घ्रां घ्रीं घ्रूं घ्र: | म्रां म्रीं म्रूं म्र: | म्रों म्रों म्रों म्रों | क्लों क्लों क्लों क्लों |श्रों श्रों श्रों श्रों | ज्रों ज्रों ज्रों ज्रों | हूँ हूँ हूँ हूँ| हूँ हूँ हूँ हूँ | फट | सर्वतो रक्ष रक्ष रक्ष रक्ष भैरव नाथ हूँ फट ||
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