॥ ऊं नमः पद्मासने शब्द रूपे ऎं ह्रीं क्लीं वद वद वाग्वादिनि स्वाहा ॥
- प्रतिदिन 1008 बार जाप.
- बसंत पंचमी से प्रारंभ कर अगली पूर्णिमा तक करें.
- सफ़ेद वस्त्र तथा आसन .
- पूर्व दिशा की ओर देखते हुए जाप करें.
लाभ - विद्या तथा एकाग्रता । विद्यार्थियों के लिए विशेष लाभदायक ।
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