सदगुरुदेव डा नारायण दत्त श्रीमाली जी अपने ग्रंथ
"मंत्र रहस्य"
मे लिखते हैं कि
"तांत्रिक ग्रंथों में नवविध कालियों का नाम स्पष्ट किया गया है जो कि निम्न प्रकार है :-
दक्षिण काली ।
भद्रकाली ।
शमशान काली ।
कालकाली ।
गुह्यकाली ।
कामकला काली ।
धनकाली ।
सिद्धि काली तथा
चंड काली ॥
इन में काम कला काली का महत्व सर्वाधिक प्रमुख है और उसकी उपासना और साधना अत्यंत ही महत्वपूर्ण और गोपनीय मानी गई है । कामकला काली के 11 उपासक हैं, जो कि तांत्रिक ग्रंथों के अनुसार निम्नानुसार है :-
इंद्र
वरुण
कुबेर
ब्रह्मा
महाकाल
बाण
रावण
यम
चंद्र
विष्णु तथा
महर्षि गण ॥
उनके उपासकों की उच्चता से ही आप इस महाविद्या, महाशक्ति या मूल शक्ति का महत्व समझ सकते हैं ।
ऐसी दिव्य शक्ति की दीक्षा प्रदान करना हर किसी के बस की बात नहीं होती इसके लिए प्रचंड साधना और आध्यात्मिक शक्ति का होना आवश्यक है ।
सदगुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ और गुरु माता डॉ साधना सिंह इस गुरु जन्म दिवस के अवसर पर 21 अप्रैल 2023 को यह अद्भुत और अनिर्वचनीय दीक्षा प्रदान कर रहे हैं । इसे प्राप्त करके आप साधना के क्षेत्र में उच्चता को प्राप्त कर सकते हैं । इसे आप एक प्रकार से साधना के क्षेत्र का जंपिंग स्टोन कह सकते हैं ..... जहां से आध्यात्मिक उच्चता की यात्रा प्रारंभ होती है । सदगुरुदेव और गुरु माता गृहस्थ जीवन में है इसलिए वे गृहस्थ शिष्य शिष्याओं और साधकों को ही यह अद्भुत दीक्षा प्रदान कर रहे हैं,
इसके लिए संपर्क करें:-
श्री मनोहर सरजाल
78690 74864
90091 60861
साधनाओं के क्षेत्र में कामकला काली की साधना को सर्वोपरि माना जाता है, इसके लिये कहा गया है कि प्राण का दान देकर भी यह विद्या मिल जाये तो इसे सप्रयास ग्रहण करना चाहिये ।
श्री मनोहर सरजाल
78690 74864, 90091 60861
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