॥ ऊं अष्टकाल्यै क्रीं श्रीं ह्रीं क्रीं सिद्धिं मे देहि दापय नमः ॥
- दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जाप करें.
- दिगम्बर अवस्था में जाप करें या काले रंग का आसन वस्त्र रखें.
- रुद्राक्ष या काली हकीक माला से जाप करें.
- पुरश्चरण १,२५,००० मन्त्रों का होगा.
- रात्रिकाल में जाप करें.जप काल मे किसी स्त्री का अपमान न करें
- दशमी के दिन काली मिर्च/ तिल/दशांग/घी/ चमेली के तेल से दशांश हवन करें |
- हवन होने के बाद किसी बालिका को यथाशक्ति दान दें |
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