होलिका दहन की रात्रि को सभी प्रकार के रक्षा प्रयोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है ।
आप भी इस अवसर पर अपने लिए रक्षा रुद्राक्ष, रक्षा कडा या रक्षा माला बना सकते हैं ।
इसके लिए एक लाल कपड़े मे एक सूखे नारियल के साथ संबंधित वस्तु को आप सामने रख लेंगे और हाथ मे जल लेकर महामाया महाकाली से अपनी रक्षा की प्रार्थना करते हुए अपनी इच्छा बोल देंगे और जल जमीन पर छोड़ देंगे ।
इसके बाद आपको जैसा ज्ञान हो वैसा महाकाली का पूजन कर लेंगे और नीचे लिखे मंत्र का 1008 बार जप कर लेंगे । गिनती के लिए आप कागज पेंसिल, दाना , माला, काउंटिंग मशीन किसी भी चीज का उपयोग कर सकते हैं ।
।। हुं हुं ह्रीं ह्रीं कालिके घोर दन्ष्ट्रे प्रचन्ड चन्ड नायिके दानवान दारय हन हन शरीरे महाविघ्न छेदय छेदय स्वाहा हुं फट ।।
जाप के बाद माल, अंगूठी, कडा, धागा को धारण कर लेंगे । उस सूखे नारियल को अपने सिर से तीन बार उतारा करके लाल कपड़े मे लपेट कर उसे होली की अग्नि मे डाल देंगे । यदि आपके आसपास होली न जल रही हो तो घर मे ही लकड़ी जलाकर उसमे उसे जला देंगे । यह सारा काम आपको होलिका दहन की रात्री मे ही कर लेना है ।