एक प्रयास सनातन धर्म[Sanatan Dharma] के महासमुद्र मे गोता लगाने का.....कुछ रहस्यमयी शक्तियों [shakti] से साक्षात्कार करने का.....गुरुदेव Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji [ Nikhileswaranand Ji] की कृपा से प्राप्त Mantra Tantra Yantra विद्याओं को समझने का...... Kali, Sri Yantra, Laxmi,Shiv,Kundalini, Kamkala Kali, Tripur Sundari, Maha Tara ,Tantra Sar Samuchhay , Mantra Maharnav, Mahakal Samhita, Devi,Devata,Yakshini,Apsara,Tantra, Shabar Mantra, जैसी गूढ़ विद्याओ को सीखने का....
Disclaimer
6 अक्तूबर 2010
4 अक्तूबर 2010
अष्टकाली मन्त्रम
रात्रि काल ९ से ३ बजे के बीच ही साधना करें ।
काले या लाल रंग के वस्त्र पहनें ।
रुद्राक्ष या काली हकीक की माला से जाप करें ।
॥ ऊं अष्टकाल्यै क्रीं श्रीं ह्रीं क्रीं सिद्धिम देहि दापय नमः ॥
अष्टकाली:-
कामकला काली, त्रिपुर काली, दीर्घ काली, गुह्य काली, श्मशान काली, नैरित्य काली, दक्षिण काली, अग्नि काली, आकाश काली, पाताल काली,
3 अक्तूबर 2010
1 अक्तूबर 2010
महालक्ष्मी साधना
30 सितंबर 2010
धूमावती साधना
29 सितंबर 2010
भुवनेश्वरी साधना
मन्त्र:-
27 सितंबर 2010
22 सितंबर 2010
पितरॊं की कृपा प्राप्ति के लिये मन्त्र - 2
17 सितंबर 2010
विश्वकर्मा मन्त्र
16 सितंबर 2010
14 सितंबर 2010
गणपति हवन विधि
ऊं अग्नये नमः .........७ बार इस मन्त्र का जाप करें तथा आग जला लें ।
ऊं गुरुभ्यो नमः ..... २१ बार इस मन्त्र का जाप करें ।
ऊं अग्नये स्वाहा ...... ७ आहुति (अग्नि मे डालें)
ऊं गं स्वाहा ..... १ बार
ऊं भैरवाय स्वाहा ..... ११ बार
ऊं गुरुभ्यो नमः स्वाहा .....१६ बार
10 सितंबर 2010
7 सितंबर 2010
उच्छिष्ट गणपति मन्त्रम
॥ हस्तिपिशाचिलिखे स्वाहा ॥
2 सितंबर 2010
तारा बीज युक्त गायत्री मन्त्र
तारा बीज युक्त गायत्री मन्त्र :-
॥ह्रीं स्त्रीं हुं फ़ट एकजटे विद्महे ह्रीं स्त्रीं हुं परे नीले विकट दंष्ट्रे ह्रीं धीमहि ऊं ह्रीं स्त्रीं हुं फ़ट ऐं सः स्त्रीं तन्नस्तारे प्रचोदयात ॥
29 अगस्त 2010
तारा तान्त्रोक्त मन्त्र
तारा का साधक ठीक उस शिशु की तरह होता है जो मां की गोद मे निश्चिन्त लेटा हुआ हो । जैसे मां अपने शिशु की जरुरतों को बिना कहे समझ कर पूरा कर देती है ठीक वैसी ही मां तारा की कृपा है।
॥ ऊं तारा तूरी स्वाहा ॥
26 अगस्त 2010
तारा साधना
गुरु कृपा से यह साधना मिलती है तथा जीवन को निखार देती है ।