एक प्रयास सनातन धर्म[Sanatan Dharma] के महासमुद्र मे गोता लगाने का.....कुछ रहस्यमयी शक्तियों [shakti] से साक्षात्कार करने का.....गुरुदेव Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji [ Nikhileswaranand Ji] की कृपा से प्राप्त Mantra Tantra Yantra विद्याओं को समझने का...... Kali, Sri Yantra, Laxmi,Shiv,Kundalini, Kamkala Kali, Tripur Sundari, Maha Tara ,Tantra Sar Samuchhay , Mantra Maharnav, Mahakal Samhita, Devi,Devata,Yakshini,Apsara,Tantra, Shabar Mantra, जैसी गूढ़ विद्याओ को सीखने का....
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2 मई 2011
30 अप्रैल 2011
25 अप्रैल 2011
21 अप्रैल 2011
17 अप्रैल 2011
16 अप्रैल 2011
हनुमान मन्त्र : हनुमान जयंती विशेष
लेबल:
तंत्र TANTRA,
हनुमान HANUMAN
गुरु निलयम, MIG-556,पद्मनाभपुर, दुर्ग, छ.ग., भारत
MIG Ground, MIG Market, Padmanabhpur, Durg, Chhattisgarh 491001, India
11 अप्रैल 2011
तारा साधना
12 अप्रेल को तारा जयंती है. रामनवमी को ही तारा जयंती भी होती है.
तारा महाविद्या की साधना जीवन का सौभाग्य है ।
यह महाविद्या साधक की उंगली पकडकर उसके लक्ष्य तक पहुंचा देती है।
गुरु कृपा से यह साधना मिलती है तथा जीवन को निखार देती है ।
साधना से पहले गुरु से तारा दीक्षा लेना लाभदायक होता है.
तारा त्रैलोक्य विजय कवच का पाठ नित्य करें.
यह आपको निम्न ग्रन्थों में मिल जायेगा.
तारा साधना
12 अप्रेल को तारा जयंती है. रामनवमी को ही तारा जयंती भी होती है.
तारा महाविद्या की साधना जीवन का सौभाग्य है ।
यह महाविद्या साधक की उंगली पकडकर उसके लक्ष्य तक पहुंचा देती है।
गुरु कृपा से यह साधना मिलती है तथा जीवन को निखार देती है ।
॥ ऐं ऊं ह्रीं स्त्रीं हुं फ़ट ॥
॥ ॐ तारा तूरी स्वाहा ॥
किसी भी एक मंत्र का जाप रात्रि काल में ९ से ३ बजे के बीच करना चाहिये.
साधना से पहले गुरु से तारा दीक्षा लेना लाभदायक होता है.
तारा महाविद्या की साधना जीवन का सौभाग्य है ।
यह महाविद्या साधक की उंगली पकडकर उसके लक्ष्य तक पहुंचा देती है।
गुरु कृपा से यह साधना मिलती है तथा जीवन को निखार देती है ।
॥ ऐं ऊं ह्रीं स्त्रीं हुं फ़ट ॥
॥ ॐ तारा तूरी स्वाहा ॥
किसी भी एक मंत्र का जाप रात्रि काल में ९ से ३ बजे के बीच करना चाहिये.
साधना से पहले गुरु से तारा दीक्षा लेना लाभदायक होता है.
9 अप्रैल 2011
काली साधना
जो लोग बैठ कर साधना नहीं कर सकते हैं वे चलते फ़िरते निम्नलिखित काली बीज मन्त्र का जाप नवरात्रि में कर सकते हैं.
॥ क्लीं ॥
- यदि चाहें तो अष्टमी या नवमी को १०८ बार इस मन्त्र में स्वाहा लगाकर हवन कर लें.
- अगर ऐसा ना करना चाहें तो इसी मन्त्र से एक नारियल पर लाल कुम्कुम की बिन्दियां १०८ बार लगायें अब इस नारियल को काली/दुर्गा/शिव मंदिर में चढा दें.
7 अप्रैल 2011
विश्वशान्ति हेतु : शान्ति मन्त्र से हवन
॥ ॐ श्री पराविद्यायै निखिल शांतिं कुरु कुरु स्वाहा ॥
विश्व शांति के लिये उपरोक्त मन्त्र से यथासंभव आहुतियां डालकर यज्ञ करें ।
3 अप्रैल 2011
त्रिपुर भैरवी साधना
॥ हसै हसकरी हसै ॥
लाभ - शत्रुबाधा, तन्त्रबाधा निवारण.
विधि ---
- नवरात्रि में जाप करें.
- दिये हुए चित्र को फ़्रम करवा लें.
- यन्त्र के बीच में देखते हुए जाप करें.
- रात्रि काल में जाप होगा.
- रत्रि ९ बजे से सुबह ४ बजे के बीच का समय रात्रि काल है.
- काला रंग का आसन तथा वस्त्र होगा.
- दिशा दक्षिण की तरफ़ मुंह करके बैठना है.
- हो सके तो साधना स्थल पर ही रात को सोयें.
- किसी स्त्री का अपमान न करें.
- किसी पर साधना काल में क्रोध न करें.
- किसी को ना तो कोसें और ना ही व्यर्थ का प्रलाप करें.
- यथा संभव मौन रखें.
- साधना में बैठने से पहले हल्का भोजन करें.
2 अप्रैल 2011
सरस्वती साधना
॥ ऎं श्रीं ऎं ॥
लाभ - विद्या तथा वाकपटुता
विधि ---
- नवरात्रि में जाप करें.
- रात्रि काल में जाप होगा.
- रत्रि ९ बजे से सुबह ४ बजे के बीच का समय रात्रि काल है.
- सफ़ेद रंग का आसन तथा वस्त्र होगा.
- दिशा पूर्व या उत्तर की तरफ़ मुंह करके बैठना है.
- हो सके तो साधना स्थल पर ही रात को सोयें.
- सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें.
- किसी स्त्री का अपमान न करें.
- किसी पर साधन काल में क्रोध न करें.
- किसी को ना तो कोसें और ना ही व्यर्थ का प्रलाप करें.
- यथा संभव मौन रखें.
- साधना में बैठने से पहले हल्का भोजन करें.
चामुण्डा साधना
॥ ऐं ह्रीं क्लीं चामुन्डायै विच्चै ॥
यह नवार्ण मन्त्र है.
इसमे
ऐं महासरस्वति का बीज मन्त्र है.
ह्रीं महालक्ष्मी का बीज मन्त्र है.
क्लीं महकाली का बीज मन्त्र है.
इससे तीनों देवियों की कृपा मिलती है.
नवरात्रि मे इस मन्त्र का यथा शक्ति जप करने से महामाया की कॄपा प्राप्त होती है .
विधि ---
नवरात्रि में जाप करें.
रात्रि काल में जाप होगा.
रत्रि ९ बजे से सुबह ४ बजे के बीच का समय रात्रि काल है.
लाल रंग का आसन तथा वस्त्र होगा.
दिशा पूर्व या उत्तर की तरफ़ मुंह करके बैठना है.
हो सके तो साधना स्थल पर ही रात को सोयें.
सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें.
किसी स्त्री का अपमान न करें.
किसी पर साधन काल में क्रोध न करें.
किसी को ना तो कोसें और ना ही व्यर्थ का प्रलाप करें.
यथा संभव मौन रखें.
साधना में बैठने से पहले हल्का भोजन करें.
बहुत आवश्यक हो तो पत्नी से संपर्क रख सकते हैं.
धूमावती साधना
- धूमावती साधना समस्त प्रकार की तन्त्र बाधाओं की रामबाण काट है.
- यह साधना ३ अप्रेल अमावस्य की रात्रि में की जा सकती है.
- दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए काले रंग के वस्त्र पहनकर जाप करें. जाप रात्रि ९ से ४ के बीच करें
जाप के पहले तथा बाद मे गुरु मन्त्र की १ माला जाप करें
॥ ऊं परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥
जाप से पहले हाथ में जल लेकर माता से अपनी समस्या के समाधान की प्रार्थना करें.
अपने सामने एक सूखा नारियल रखें.
उसपर हनुमान जी को चढने वाला सिन्दूर चढायें.
काले रंग का धागा अपनी कमर पर तीन लपेट लगाकर बान्धें.
अब रुद्राक्ष की माला से १०८ माला निम्नलिखित मन्त्र का जाप करें
॥ धूं धूं धूमावती ठः ठः ॥
जाप के बाद काले धागे को कैंची से काट्कर सूखे सिंदूर चढे नारियल के साथ रख लें.
आग जलाकर १०८ बार काली मिर्च में सिन्दूर तथा सरसों का तेल मिलाकर निम्न मन्त्र से आहुति देकर हवन करें :-
॥ धूं धूं धूमावती ठः ठः स्वाहा॥
इसके बाद नारियल पर धागे को लपेट दें. इसे अब तीन बार सिर से पांव तक तथा पांव से सिर तक छुवा लें तथा प्रार्थना करें कि मेरे समस्त बाधाओं का माता धूमावती निवारण करें.
अब इस नारियल को धागे सहित आग में डाल दें. हाथ जोडकर समस्त अपराधों के लिये क्षमा मांगें.
अंत में एक पानी वाला नारियल फ़ोडकर उसका पानी हवन में डाल दें, इस नारियल को बाहर फ़ेंक दें इसे खायें नही.
अब नहा लें तथा जगह हो तो जाप वाली जगह पर ही सो जायें.
आग ठंडि होने के बाद अगले दिन राख को नदी या तालाब में विसर्जित करें
1 अप्रैल 2011
काल भैरव
- काल भैरव भगवान शिव का अत्यन्त ही उग्र तथा तेजस्वी स्वरूप है.
- नीचे लिखे मन्त्र की १०८ माला ३ अप्रेल अमावस्या की रात्रि को करें.
- काले रंग का वस्त्र तथा आसन रहेगा.
- दिशा दक्षिण की ओर मुंह करके बैठें
- इस साधना से भय का विनाश होता है तथा साह्स का संचार होता है.
- यह तन्त्र बाधा, भूत बाधा,तथा दुर्घटना से रक्षा प्रदायक है.
॥ ऊं भ्रं कालभैरवाय फ़ट ॥
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