- १० दिसम्बर ता. शनिवार के दिन पूर्ण चंद्रग्रहण है ..
- उसी दिन श्री दत्तात्रेय जयंती भी होने के कारण इस ग्रहण काल पर्व का महत्त्व और भी बढ़ता है ..
- ग्रहण काल का पर्व काल शाम ६.१५ से रात ९.४५ तक लगबग साडे तीन घंटे का है ..
- सभी साधक इस का लाभ उठाये
- गुरु/दत्तात्रेय/ लक्ष्मी/षोडशी/भुवनेश्वरी/अप्सरा/सम्मोहन/वशीकरण/शांति साधना का सिद्ध मुहुर्त है
एक प्रयास सनातन धर्म[Sanatan Dharma] के महासमुद्र मे गोता लगाने का.....कुछ रहस्यमयी शक्तियों [shakti] से साक्षात्कार करने का.....गुरुदेव Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji [ Nikhileswaranand Ji] की कृपा से प्राप्त Mantra Tantra Yantra विद्याओं को समझने का...... Kali, Sri Yantra, Laxmi,Shiv,Kundalini, Kamkala Kali, Tripur Sundari, Maha Tara ,Tantra Sar Samuchhay , Mantra Maharnav, Mahakal Samhita, Devi,Devata,Yakshini,Apsara,Tantra, Shabar Mantra, जैसी गूढ़ विद्याओ को सीखने का....
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10 दिसंबर 2011
पूर्ण चंद्रग्रहण पर विशेष साधना
7 दिसंबर 2011
2 दिसंबर 2011
गुरु सूत्रम - ५
- गुरु अपने आप में महामाया की सर्वश्रेष्ठ कृति है.
- गुरुत्व साधनाओं से, पराविद्याओं की कृपा और सानिध्य से आता है.
- वह एक विशेष उद्देश्य के साथ धरा पर आता है और अपना कार्य करके वापस महामाया के पास लौट जाता है.
- बिना योग्यता के शिष्य को कभी गुरु बनने की कोशिश नही करनी चाहिये.
- गुरु का अनुकरण यानी गुरु के पहनावे की नकल करने से या उनके अंदाज से बात कर लेने से कोई गुरु के समान नही बन सकता.
- गुरु का अनुसरण करना चाहिये उनके बताये हुए मार्ग पर चलना चाहिये, इसीसे साधनाओं में सफ़लता मिलती है.
- शिष्य बने रहने में लाभ ही लाभ हैं जबकि गुरु के मार्ग में परेशानियां ही परेशानियां हैं, जिन्हे संभालने के लिये प्रचंड साधक होना जरूरी होता है, अखंड गुरु कृपा होनी जरूरी होती है.
1 दिसंबर 2011
साधक : जिज्ञासा
प्रश्न :- प्रणाम मुजे संपूर्ण सम्मोहन दिक्ष लेनी हे कृपया मुजे कहे की में क्या करू में राजकोट /गुजरात के एक छोटे से गाव का हू कृपया मुजे मर्ग्दाश्ना दे एवम कृपा करके ऐ कहे की क्या में ऐ हर एशी साधना हे जिश में अलग अलग दिक्ष का विवरण किया हे क्या वो सब में यहाँ पे ले सकता हू में वहापर ना आजस्कने के कारन विवश हू इश लिए मुजे कहे की क्या मुजे वो सद् दिक्ष ऐ फोटो के जरिये संपूर्ण सक्तीपात दीक्षा लेसकता हू मुजे मर्दाश्ना दे और साधना में लगाने वाली सामग्री कहा से मिलेगी ऐ भाई कहे जय गुरुदेव
उत्तर :-
आप इस विषय में जानकारी, जिज्ञासा, सूचना
साधनात्मक मार्गदर्शन एवं नि:शुल्क दीक्षा प्राप्ति के लिये निम्नलिखित फ़ोन नम्बर पर सम्पर्क कर सकते हैं.
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वार्षिक सदस्यता शुल्क = २२० रुपये
पत्रिका कार्यालय का पता:-
साधना सिद्धि विग्यान
शोप न. ५ प्लाट न. २१०
एम.पी.नगर
भोपाल [म.प्र.] ४६२०११
29 नवंबर 2011
28 नवंबर 2011
22 नवंबर 2011
गुरु सूत्रम -४
- गुरु के साथ छ्ल ना करें.
- गुरु आपकी हर बात जानने में समर्थ होता है , उसके साथ झूठ बोलने से, छ्ल करने से फ़िर भयानक अधोगति भोगनी पडती है.
- कैसी भी गलती की हो गुरु के सामने स्वीकार करके चरण पकड के माफ़ी मांग लेनी चाहिये.
- ऐसा भी हो सकता है कि आपको बेवजह डांट पड जाये, अपमानित होना पडे, ये सब गुरु का परीक्षण होता है, इसे सहज होकर स्वीकार करें, गुरु कृपा अवश्य होगी.
21 नवंबर 2011
निखिलधाम
परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी [ डा नारायण दत्त श्रीमाली जी ] का यह दिव्य मंदिर है.
इसका निर्माण परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी [Dr. Narayan dutta Shrimali Ji ] के प्रिय शिष्य स्वामी सुदर्शननाथ जी तथा डा साधना सिंह जी ने करवाया है.
यह [ Nikhildham ] भोपाल [ मध्यप्रदेश ] से लगभग २५ किलोमीटर की दूरी पर भोजपुर के पास लगभग ५ एकड के क्षेत्र में बना हुआ है.
यहां पर महाविद्याओं के अद्भुत तेजस्वितायुक्त विशिष्ठ मन्दिर बनाये गये हैं.
19 नवंबर 2011
18 नवंबर 2011
काल भैरव साधना
- काल भैरव भगवान शिव का अत्यन्त ही उग्र तथा तेजस्वी स्वरूप है.
- सभी प्रकार के पूजन/हवन/प्रयोग में रक्षार्थ इनका पुजन होता है.
- ब्रह्मा का पांचवां शीश खंडन भैरव ने ही किया था.
- इन्हे काशी का कोतवाल माना जाता है.
- नीचे लिखे मन्त्र की १०८ माला रात्रि को करें.
- काले रंग का वस्त्र तथा आसन रहेगा.
- दिशा दक्षिण की ओर मुंह करके बैठें
- इस साधना से भय का विनाश होता है तथा साह्स का संचार होता है.
- यह तन्त्र बाधा, भूत बाधा,तथा दुर्घटना से रक्षा प्रदायक है.
॥ ऊं भ्रं कालभैरवाय फ़ट ॥
17 नवंबर 2011
गुरु सूत्रम -२
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु के लक्षण :-
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु को अपने गुरु का एक अच्छा शिष्य होना चाहिये. अपने गुरु के प्रति पूर्ण समर्पण होना चाहिये.
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु को साधक होना चाहिये. उसे निरंतर साधना करते रहना चाहिये.
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु को कम से कम एक महाविद्या सिद्ध होनी चाहिये.
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु को वाक सिद्धि होनी चाहिये अर्थात उसे आशिर्वाद और श्राप दोनों देने में सक्षम होना चाहिये.
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु को पूजन करना और कराना आना चाहिये.
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु को योग और मुद्राओं का ज्ञान होना चाहिये.
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु को रस सिद्धि होनी चाहिये, अर्थात पारद के संस्कारों का ज्ञान होना चाहिये.
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु को मन्त्र निर्माण की कला आती है. वह आवश्यकतानुसार मंत्रों का निर्माण कर सकता है और पुराने मंत्रों मे आवश्यकतानुसार संशोधन करने में समर्थ होता है.
16 नवंबर 2011
साधना सिद्धि विज्ञान मासिक पत्रिका संग्रह
साधना सिद्धि विज्ञान मासिक पत्रिका के पुराने अंकों के लिये नीचे दिये लिंक पर क्लिक करें
Sadhana Siddhi Vigyan Archives:
Sadhana Siddhi Vigyan Archives:
15 नवंबर 2011
11 नवंबर 2011
निःशुल्क दीक्षा एवं साधनात्मक मार्गदर्शन
साधना का क्षेत्र अत्यंत दुरुह तथा जटिल होता है. इसी लिये मार्गदर्शक के रूप में गुरु की अनिवार्यता स्वीकार की गई है.
गुरु दीक्षा प्राप्त शिष्य को गुरु का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मार्गदर्शन प्राप्त होता रहता है.
बाहरी आडंबर और वस्त्र की डिजाइन से गुरू की क्षमता का आभास करना गलत है.
एक सफ़ेद धोती कुर्ता पहना हुआ सामान्य सा दिखने वाला व्यक्ति भी साधनाओं के क्षेत्र का महामानव हो सकता है यह गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी से मिलकर मैने अनुभव किया.
भैरव साधना से शरभेश्वर साधना तक.......
अघोर साधनाओं से लेकर तिब्बती साधना तक....
महाकाल से लेकर महासुदर्शन साधना तक सब कुछ अपने आप में समेटे हुए निखिल तत्व के जाज्वल्यमान पुंज स्वरूप...
गुरुदेव स्वामी सुदर्शननाथ जी
महाविद्या त्रिपुर सुंदरी के सिद्धहस्त साधक हैं.वर्तमान में बहुत कम महाविद्या सिद्ध साधक इतनी सहजता से साधकों के मार्गदर्शन के लिये उपलब्ध हैं.
वात्सल्यमयी गुरुमाता डॉ. साधना सिंह जी
महाविद्या बगलामुखी की प्रचंड , सिद्धहस्त साधक हैं.
स्त्री कथावाचक और उपदेशक तो बहुत हैं पर तंत्र के क्षेत्र में स्त्री गुरु अत्यंत दुर्लभ हैं.
तंत्र के क्षेत्र में स्त्री गुरु का बहुत महत्व होता है.
गुरुमाता डॉ. साधना सिंह जी
स्त्री गुरु मातृ स्वरूपा होने के कारण उनके द्वारा प्रदत्त मंत्र साधकों को सहज सफ़लता प्रदायक होते हैं. स्त्री गुरु द्वारा प्रदत्त मंत्र स्वयं में सिद्ध माने गये हैं.
मैने तंत्र साधनाओं की वास्तविकता और उनकी शक्तियों का अनुभव गुरुदेव स्वामी सुदर्शननाथ जी और गुरुमाता डॉ. साधना सिंह जी के सानिध्य में किया है और......
यदि आप साधनाओं को करने के इच्छुक हैं तो मैं आपका आह्वान करता हूं कि आप आगे बढें, निःशुल्क दीक्षायें प्राप्त करें और दैवीय शक्तियों से स्वयम साक्षात्कार करें
पत्रिका साधना सिद्धि विज्ञान की सदस्यता[वार्षिक शुल्क मात्र २२०=०० रुपये] लें. सदस्यता शुल्क मनीआर्डर से निम्नलिखित पते पर भेजें.
साधना सिद्धि विज्ञान
शोप न. ५ प्लाट न. २१०
एम.पी.नगर
भोपाल [म.प्र.] ४६२०११
सदस्यता लेने के बाद यदि किसी कारण वश आप स्वयं मिलने में असमर्थ हैं तो अपनी समस्या का विवरण , अपनी एक फ़ोटो और साथ में अपना पता लिखा १० रुपये का डाकटिकट लगा हुआ जवाबी लिफ़ाफ़ा रखकर ऊपर लिखे पते पर डाक से भेज कर नि:शुल्क मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं.
नोट - आने वाले पत्रों की संख्या ज्यादा होने के कारण जवाब मिलने में थोडा समय लग सकता है.
4 नवंबर 2011
कामकला काली बीज मन्त्रम
कामकला काली [ KAMAKALA KALI ] साधना साधनात्मक जगत की सर्वोच्च साधना है. जब साधक का सौभाग्य अत्यंत प्रबल होता है तब उसे इस साधना की दीक्षा तथा अनुमति मिलती है.
यह साधना साधक को एक शक्तिपुंज में बदल देती है.
॥ स्फ़्रें ॥
- अत्यंत प्रेम तथा मधुरता से जाप करें.
- जप काल में रुद्राक्ष धारण करें.
- यदि संभव हो तो गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करें.
- बैठकर जाप रात्रि काल ११ से ३ में करें.
- किसी स्त्री का अपमान ना करें.
- क्रोध ना करें.
- किसी प्रकार का प्रलाप , श्राप या बुरी बात ना कहें.
- यदि विवाहित हैं तो अपनी पत्नी के साथ बैठ कर जाप करें.
- साधना काल में अपनी पत्नी को भगवती का अंश समझकर उसे सम्मान दें, भूलकर भी उसका अपमान ना करें.
- साधना प्रारंभ करने से पहले किसी समर्थ गुरु से दीक्षा अवश्य ले लें.
26 अक्तूबर 2011
महाकाली :रक्षा मन्त्र
- जनमाष्टमी काली जयंती भी कहलाती है.
- इस दिन महाकाली की साधना अर्ध रात्रि मे की जाती है.
- निम्न्लिखित मन्त्र का यथा शक्ति जाप करें.
:: हुं हुं ह्रीं ह्रीं कालिके घोर दन्ष्ट्रे प्रचन्ड चन्ड नायिके दानवान दारय हन हन शरीरे महाविघ्न छेदय छेदय स्वाहा हुं फट ::
यह एक सिद्ध मन्त्र है
इस मन्त्र का जाप करके रक्षा सूत्र बान्ध सकते हैं.
विभिन्न प्रकार के रक्षा घेरे के निर्माण मे भी सहायक है.
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