नवरात्रि में महाविद्यायें जागृत और चैतन्य हो जाती हैं.
महाविद्याओं में सबसे उग्रतम विद्या है धूमावती...
इनका स्वरूप बहुत ही उग्र तथा सब कुछ भक्षण कर लेने को आतुर है..
ये अपने साधक की सभी प्रकार की बाधायें चाहे वे किसी भी प्रकार की हों भक्षण कर जाती हैं.....
नवरात्रि में जाप करें.
ब्रह्मचर्य का पालन करें.
सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें.
यथा संभव मौन रहें.
अनर्गल प्रलाप और बकवास न करें.
किसी स्त्री का भूलकर भी अपमान ना करें.सफ़ेद वस्त्र पहनकर सफ़ेद आसन पर बैठ कर जाप करें.
यथाशक्ति जाप जोर से बोल कर करें.
बेसन के पकौडे का भोग लगायें. भोग पर्याप्त मात्रा में होना चाहिये. कम से कम एक पाव बेसन के पकौडे चढायें.इसमें से आपको नही खाना है.
जाप के बाद भोग को निर्जन स्थान पर छोड कर वापस मुडकर देखे बिना लौट जायें.
११००० जाप करें.
नवमी को मंत्र के आखिर में स्वाहा लगाकर ११०० मंत्रों से हवन करें.
हवन की भस्म को प्रभावित स्थल या घर पर छिडक दें. शेष भस्म को नदी में प्रवाहित करें.
जाप पूरा हो जाने पर किसी गरीब विधवा स्त्री को भोजन तथा सफ़ेद साडी दान में दें.
महाविद्याओं में सबसे उग्रतम विद्या है धूमावती...
इनका स्वरूप बहुत ही उग्र तथा सब कुछ भक्षण कर लेने को आतुर है..
ये अपने साधक की सभी प्रकार की बाधायें चाहे वे किसी भी प्रकार की हों भक्षण कर जाती हैं.....
॥ धूं धूं धूमावती ठः ठः ॥
नवरात्रि में जाप करें.
ब्रह्मचर्य का पालन करें.
सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें.
यथा संभव मौन रहें.
अनर्गल प्रलाप और बकवास न करें.
किसी स्त्री का भूलकर भी अपमान ना करें.सफ़ेद वस्त्र पहनकर सफ़ेद आसन पर बैठ कर जाप करें.
यथाशक्ति जाप जोर से बोल कर करें.
बेसन के पकौडे का भोग लगायें. भोग पर्याप्त मात्रा में होना चाहिये. कम से कम एक पाव बेसन के पकौडे चढायें.इसमें से आपको नही खाना है.
जाप के बाद भोग को निर्जन स्थान पर छोड कर वापस मुडकर देखे बिना लौट जायें.
११००० जाप करें.
नवमी को मंत्र के आखिर में स्वाहा लगाकर ११०० मंत्रों से हवन करें.
हवन की भस्म को प्रभावित स्थल या घर पर छिडक दें. शेष भस्म को नदी में प्रवाहित करें.
जाप पूरा हो जाने पर किसी गरीब विधवा स्त्री को भोजन तथा सफ़ेद साडी दान में दें.