1 अप्रैल 2024

सूर्यग्रहण विशेष - रक्षा नारियल

सूर्यग्रहण विशेष - रक्षा नारियल

सूर्यग्रहण के अवसर पर अपने घर मे गृह शांति और रक्षा के लिए एक विधि प्रस्तुत है जिसके द्वारा आप अपने घर पर पूजन करके नारियल बाँध सकते हैं.

आवश्यक सामग्री :-

लाल कपडा सवा मीटर
नारियल
काला धागा
पंचमुखी रुद्राक्ष 3
सामान्य पूजन सामग्री


वस्त्र/आसन काले रंग का हो तो पहन लें यदि न हो तो जो हो उसे पहन लें.

सबसे पहले शुद्ध होकर आसन पर बैठ जाएँ. हाथ में जल लेकर कहें " मै [अपना नाम ] अपने घर की रक्षा और शांति के लिए यह पूजन कर रहा हूँ महाकाली मुझपर कृपा करें और मेरा मनोरथ सिद्ध करें."

इतना बोलकर हाथ में रखा जल जमीन पर छोड़ दें. इसे संकल्प कहते हैं.

नारियल पर काला धागा [अपने शरीर की लंबाई का सात गुना लम्बा तोड़ लें.] लपेट लें.

लपेटते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें." ॐ नमः शिवाय "

अब अपने सामने लाल कपडे पर नारियल रख दें. पूजन करें.

गोबर का कंडा जलाकर उसमे एक चमच घी और एक टुकड़ा देशी कपूर डालकर धुप करें न हो पाए तो धूप /अगरबत्ती जलाएं .

नारियल के सामने निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जाप करें ।
स्वयंसिद्ध महाकाली मंत्र

।। हुं हुं ह्रीं ह्रीं कालिके
घोर दन्ष्ट्रे प्रचन्ड चन्ड नायिके
दानवान दारय हन हन शरीरे
महाविघ्न छेदय छेदय स्वाहा हुं फट ।।

उच्चारण के लिए यूट्यूब देखें :-



अब इस नारियल को अन्य पूजन सामग्री के साथ लाल कपडे में लपेट ले.
आपका रक्षा नारियल तय्यार है.

इसे आप ग्रहण वाले दिन , घर की छत में हुक हो तो उसपर बांधकर लटका दें.

यदि न हो तो पूजा स्थान में रख लें. नित्य पूजन के समय इसे भी अगरबत्ती दिखाएँ.

31 मार्च 2024

सूर्यग्रहण विशेष - तंत्र रक्षा नारियल

सूर्यग्रहण विशेष  - तंत्र रक्षा नारियल 


सूर्यग्रहण के अवसर पर अपने घर मे गृह शांति और रक्षा के लिए एक विधि प्रस्तुत है जिसके द्वारा आप अपने घर पर पूजन करके नारियल बाँध सकते हैं.


आवश्यक सामग्री :-

लाल कपडा सवा मीटर

नारियल

सामान्य पूजन सामग्री

-------

यदि आर्थिक रूप से सक्षम हों तो इसके साथ रुद्राक्ष/ गोरोचन/केसर भी डाल सकते हैं.

-----


वस्त्र/आसन लाल रंग का हो तो पहन लें यदि न हो तो जो हो उसे पहन लें.

सबसे पहले शुद्ध होकर आसन पर बैठ जाएँ. हाथ में जल लेकर कहें " मै [अपना नाम ] अपने घर की रक्षा और शांति के लिए यह पूजन कर रहा हूँ मुझपर कृपा करें और मेरा मनोरथ सिद्ध करें."

इतना बोलकर हाथ में रखा जल जमीन पर छोड़ दें. इसे संकल्प कहते हैं.

नारियल पर मौली धागा [अपने हाथ से नापकर तीन हाथ लम्बा तोड़ लें.] लपेट लें.

लपेटते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें." ॐ श्री विष्णवे नमः"

अब अपने सामने लाल कपडे पर नारियल रख दें. उसका पूजन करें.

लोबान का धुप या अगरबत्ती जलाएं .

नारियल के सामने निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जाप करें । 

"ॐ नमो आदेश गुरून को इश्वर वाचा अजरी बजरी बाडा बज्जरी मैं बज्जरी को बाँधा, दशो दुवार छवा और के ढालों तो पलट हनुमंत वीर उसी को मारे, पहली चौकी गणपति दूजी चौकी में भैरों, तीजी चौकी में हनुमंत,चौथी चौकी देत रक्षा करन को आवे श्री नरसिंह देव जी शब्द सांचा पिंड कांचा फुरो मंत्र इश्वरी वाचा"

अब इस नारियल को अन्य पूजन सामग्री के साथ लाल कपडे में लपेट ले. आपका रक्षा नारियल तय्यार है. इसे आप दशहरा, दीपावली, पूर्णिमा, अमावस्या या अपनी सुविधानुसार किसी भी दिन घर की छत में हुक हो तो उसपर बांधकर लटका दें. यदि न हो तो पूजा स्थान में रख लें. नित्य पूजन के समय इसे भी अगरबत्ती दिखाएँ.

13 मार्च 2024

गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी

 




अघोरेश्वरम महासिद्ध रूपं,

निखिल प्राणरूपम प्रणम्यम सदैव ।

अघोर शक्तियों के स्वामी, साक्षात अघोरेश्वर शिव स्वरूप , सिद्धों के भी सिद्ध मेरे पूज्यपाद गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जो प्रातः स्मरणीय  परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी के अंशीभूत, प्राण स्वरूप हैं, उनके चरणों में मै साष्टांग प्रणाम करता हूं.

 

प्रचंडातिचंडम शिवानंद कंदम,

निखिल प्राणरूपम प्रणम्यम सदैव । 

प्रचंडता की साक्षात मूर्ति, शिवत्व के जाज्वल्यमान स्वरूप   मेरे पूज्यपाद गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जो प्रातः स्मरणीय  परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी के अंशीभूत और प्राण स्वरूप हैं, उनके चरणों में मै साष्टांग प्रणाम करता हूं.

 

सुदर्शनोत्वम परिपूर्णरूपम,

निखिल प्राणरूपम प्रणम्यम सदैव ।

सौन्दर्य की पूर्णता को साकार करने वाले साक्षात कामेश्वर, पूर्णत्व युक्त, शिव के प्रतीक, मेरे पूज्यपाद गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जो प्रातः स्मरणीय  परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी के अंशीभूत और प्राण स्वरूप हैं, उनके चरणों में मै साष्टांग प्रणाम करता हूं.

ब्रह्मांड रूपम, गूढ़ातिगूढ़म,

निखिल प्राणरूपम प्रणम्यम सदैव ।

जो स्वयं अपने अंदर संपूर्ण ब्रह्मांड को समेटे हुए हैं, जो अहं ब्रह्मास्मि के नाद से गुन्जरित हैं, जो गूढ से भी गूढ अर्थात गोपनीय से भी गोपनीय विद्याओं के ज्ञाता हैं ऐसे मेरे पूज्यपाद गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जो प्रातः स्मरणीय  परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी के अंशीभूत और प्राण स्वरूप हैं, उनके चरणों में मै साष्टांग प्रणाम करता हूं.

 

योगेश्वरोत्वम, कृष्ण स्वरूपम,

निखिल प्राणरूपम प्रणम्यम सदैव ।

 

जो योग के सभी अंगों के सिद्धहस्त आचार्य हैं, जिनका शरीर योग के जटिलतम आसनों को भी सहजता से करने में सिद्ध है, जो योग मुद्राओं के विद्वान हैं, जो साक्षात कृष्ण के समान प्रेममय, योगमय, आह्लादमय, सहज व्यक्तित्व के स्वामी हैं  ऐसे मेरे पूज्यपाद गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जो प्रातः स्मरणीय  परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी के अंशीभूत और प्राण स्वरूप हैं, उनके चरणों में मै साष्टांग प्रणाम करता हूं.

 

महाकाल तत्वम, घोरतिघोरम,

निखिल प्राणरूपम प्रणम्यम सदैव ।

काल भी जिससे घबराता है, ऐसे महाकाल और महाकाली युगल के उपासक, साक्षात महाकाल स्वरूप, अघोरत्व के जाज्वल्यमान स्वरूप, महाकाली के महासिद्ध साधक मेरे पूज्यपाद गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जो प्रातः स्मरणीय  परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी के अंशीभूत और प्राण स्वरूप हैं, उनके चरणों में मै साष्टांग प्रणाम करता हूं.


गुरु वचनामृत

2 मार्च 2024

आज का शुभ मुहूर्त : 2 मार्च 2024 शनिवार

 आज का शुभ मुहूर्त : 2 मार्च 2024 शनिवार

यह गणना भारतीय तिथि आधारित है इसलिए इसका समय सुबह 6 से अगली सुबह 6 तक रहेगा । 


यह गणना सद्गुरुदेव  डा नारायण दत्त श्रीमाली जी द्वारा लिखे गए ग्रंथ ज्योतिष और काल निर्णय पर आधारित है । 

अमृत काल :-

सुबह 10:30 से 12: 24 

रात्रि 3:36 से 5:12

श्री शिव मानस पूजा स्तोत्रम, Shiv Manas Pooja Stotram