बगलामुखी मन्त्रम :-
॥ ऊं ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानाम वाचं मुखम पदम स्तम्भय
जिह्वाम कीलय बुद्धिम विनाशय ह्लीं ऊं स्वाहा ॥
लाभ - आंतरिक तथा बाह्य दोनों,शत्रु बाधा निवारण के लिये.
विधि ---
- नवरात्रि में जाप करें.
- रात्रि काल में जाप होगा.
- रत्रि ९ बजे से सुबह ४ बजे के बीच का समय रात्रि काल है.
- पीले रंग का आसन तथा वस्त्र होगा.
- दिशा उत्तर की तरफ़ मुंह करके बैठना है.
- हो सके तो साधना स्थल पर ही रात को सोयें.
- सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें.
- किसी स्त्री का अपमान न करें.
- किसी पर साधन काल में क्रोध न करें.
- किसी को ना तो कोसें और ना ही व्यर्थ का प्रलाप करें.
- यथा संभव मौन रखें.
- साधना में बैठने से पहले हल्का भोजन करें.भोजन में बेसन की बनी एक वस्तु अवश्य रखें.
- ब्रह्मचर्य का पालन करें.
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