सुदृढ
मानसिक स्थिति वाले साधक ही इस साधना को करें.
साधना काल में भय लग सकता
है.ऐसे में गुरु ही संबल प्रदान करता है.
बालकों /स्त्रियों /कमजोर मनोदशा वाले को स्पष्ट निर्देश है की वे भूलकर भी इस साधना को न करें |
यह साधना केवल और केवल सक्षम गुरु के आज्ञा और अनुमति से उनके निर्देशानुसार ही करें, अन्यथा गंभीर परिणाम हो सकते हैं
॥ ऊं श्रीं ह्रीं ह्रीं क्लीं ऎं वज्रवैरोचनीयै ह्रीं ह्रीं फ़ट स्वाहा ॥
नोट:- यह साधना गुरुदीक्षा लेकर गुरु अनुमति से ही करें.....
- प्रचंड तान्त्रिक प्रयोगों की शान्ति के लिये छिन्नमस्ता साधना की जाती है.
- यह तन्त्र क्षेत्र की उग्रतम साधनाओं में से एक है.
- यह साधना गुरु दीक्षा लेकर गुरु की अनुमति से ही करें.
- यह रात्रिकालीन साधना है.
- नवरात्रि में विशेष लाभदायक है.
- काले या लाल वस्त्र आसन का प्रयोग करें.
- रुद्राक्ष या काली हकीक की माला का प्रयोग जाप के लिये करें.
- सुदृढ मानसिक स्थिति वाले साधक ही इस साधना को करें. साधना काल में भयंकर भय लग सकता है. ऐसे में गुरु ही संबल प्रदान करते हैं .
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