12 अक्टूबर 2015

नवरात्रि महालक्ष्मी साधना

नवरात्रि शक्ति पूजा का पर्व है | गृहस्थ जीवन की मूल शक्ति है लक्ष्मी ! जिसके अभाव में कुछ भी संभव नहीं है |
कुछ लक्ष्मी मन्त्र प्रस्तुत हैं , जिनका जाप कर आप व्यापार/नौकरी आदि में अनुकूलता प्राप्त कर सकते हैं |

लक्ष्मी साधना मन्त्र  :-
  1. || ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै  नमः   ||
  2.  || ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै  नमः   ||
  3. || ॐ श्रीं  महालक्ष्म्यै  नमः   || 
  4. || ॐ महालक्ष्म्यै  नमः   || 
  5. || ॐ श्रीं ॐ || 
  6. || ॐ  श्रीं  ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्धलक्ष्म्ये नमः ||


सामान्य निर्देश :-
साधनाएँ इष्ट तथा गुरु की कृपा से प्राप्त और सिद्ध होती हैं |
इसके लिए कई वर्षों तक एक ही साधना को करते रहना होता है |
साधना की सफलता साधक की एकाग्रता और उसके श्रधा और विश्वास पर निर्भर करता है |
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विधि :-
  1. इनमे से किसी भी एक मन्त्र का जाप कर सकते हैं |
  2. ११/२१/५१ हजार जाप करें | यदि इतना ना कर सकते हों तो अपनी क्षमता के अनुसार करें |
  3. रोज सामान संख्या में जाप करें | संभव हो तो जाप का समय भी एक ही हो |
  4. अपने सामने  लाल कपडे में श्री यंत्र या लक्ष्मी यंत्र रख लें  |
  5. जाप के बाद इसे लाल कपडे से ढँक दें |
  6. कोशिश करें की जाप काल में आपके अलावा इसे कोई ना छुए और ना ही देखे |
  7. जाप समाप्त होने पर इसे अपने गल्ले /तिजोरी/जेब में रखें |
  8. जाप कमलगट्टे की माला से किया जाये तो श्रेष्ट है ना हो तो रुद्राक्ष की माल सभी कार्यों के लिए स्वीकार्य  है |
  9. जाप के पहले दिन हाथ में पानी लेकर संकल्प करें " मै (अपना नाम बोले), आज अपनी (मनोकामना बोले) की पूर्ती के लिए यह मन्त्र जाप कर रहा/ रही हूँ | मेरी त्रुटियों को क्षमा करके मेरी मनोकामना पूर्ण करें " | इतना बोलकर पानी जमीन पर छोड़ दें |
  10. दिशा उत्तर/ पूर्व की और देखते हुए बैठें |
  11. आसन लाल/पीले रंग का रखें|
  12. जाप रात्रि 9 से सुबह 4 के बीच करें|
  13. यदि अर्धरात्रि जाप करते हुए निकले तो श्रेष्ट है |
  14. जाप के दौरान किसी को गाली गलौच / गुस्सा/ अपमानित ना करें|
  15. किसी महिला ( चाहे वह नौकरानी ही क्यों न हो ) का अपमान ना करें |
  16. सात्विक आहार/ आचार/ विचार रखें |
  17. ब्रह्मचारी का पालन करें |
यदि संभव हो तो अंतिम दिन / दशहरा/ पूर्णिमा को घी में कमलगट्टा मिलाकर १००८ आहूतियां , मन्त्र के पीछे स्वाहा लगाकर दें |

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