सम्मोहन का मतलब होता है ,
व्यक्तित्व ऐसा हो कि:-
ü लोग प्रभावित हों .
ü आकर्षित हों.
ü यह केवल स्त्री पुरुष आकर्षण के मामले में भर लागु नहीं होता.
ü जीवन के हर क्षेत्र में इसकी आवश्यकता होती है.
ü दुकान भी उसी दुकानदार की ज्यादा चलती है जिसके व्यक्तित्व में ज्यादा आकर्षण या सम्मोहन होता है.
ü पत्नी भी उसी पति की बात मानती है जिससे उसे आकर्षण होता है.
ü बॉस भी उसी कर्मचारी की बातको तवज्जो देता है जिसके व्यक्तित्व में सम्मोहन होता है.
ü जनता भी उसी नेता का अनुसरण करती है जिसका व्यक्तित्व सम्मोहक होता है.
सम्मोहन
Ø शरीर या चेहरे की सुन्दरता से नहीं होता .
Ø वह कुछ ऐसा आतंरिक वाइब्रेशन है जो लोगों को खींचता है .
ऐसी ही एक विधि प्रस्तुत है जो आपके अन्दर के सम्मोहन को आकर्षण को बढ़ाएगा.
Ø चंद्रग्रहण सम्मोहन साधना का सबसे बढ़िया दिवस होता है.
Ø ग्रहण काल में अपनी शक्ति के अनुसार मोती का एक दाना लाकर सामने रख लें. उसके सामने जितना ज्यादा से ज्यादा जाप हो सके निम्न मन्त्र की करें.
|| सं सम्मोहनाय सम्मोहनाय सं सोमाय नम: ||
इसे हो सके तो उसी दिन पहन लें.
शाम को जब चाँद निकले तब से जब तक आप कर सकें चाँद को देखते हुए इसी मन्त्र का जाप करें. आपकी आँखों में सम्मोहन शक्ति का विकास होगा.पूर्णिमा से पूर्णिमा तक करें .
विशेष :- किसी अनुचित कार्य में इसका प्रयोग न करें अन्यथा चन्द्रमा के कुपित होने के फलस्वरूप स्वेत कुष्ट [सफ़ेद दाग] जैसे दाग चेहरे पर आ सकते हैं. जो की लाइलाज होता है.
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