।। हुं हुं ह्रीं ह्रीं कालिके घोर दन्ष्ट्रे प्रचन्ड चन्ड नायिके दानवान दारय हन हन शरीरे महाविघ्न छेदय छेदय स्वाहा हुं फट ।।
- स्वयंसिद्ध मन्त्र है.
- तंत्र बाधा की काट , भूत बाधा आदि में लाभ प्रद है .
- नवरात्रि मे ज्यादा लाभदायक है .
- १०८ या १००८ की संख्या में जाप करके इसका प्रयोग करें .
- इस मन्त्र का जाप करके रक्षा सूत्र बान्ध सकते हैं.
- विभिन्न प्रकार के रक्षा घेरे के निर्माण मे भी सहायक सिद्ध मन्त्र है
आप इसका उच्चारण आडिओ मे यहाँ सुन सकते हैं
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