एक प्रयास सनातन धर्म[Sanatan Dharma] के महासमुद्र मे गोता लगाने का.....कुछ रहस्यमयी शक्तियों [shakti] से साक्षात्कार करने का.....गुरुदेव Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji [ Nikhileswaranand Ji] की कृपा से प्राप्त Mantra Tantra Yantra विद्याओं को समझने का...... Kali, Sri Yantra, Laxmi,Shiv,Kundalini, Kamkala Kali, Tripur Sundari, Maha Tara ,Tantra Sar Samuchhay , Mantra Maharnav, Mahakal Samhita, Devi,Devata,Yakshini,Apsara,Tantra, Shabar Mantra, जैसी गूढ़ विद्याओ को सीखने का....
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25 मई 2011
22 मई 2011
हनुमान मन्त्र -७
॥ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं रुद्ररूपाय महासिद्धाय ह्रीं ह्रीं ह्रीं नमः ॥
- यह तान्त्रिक बीज मन्त्र युक्त मन्त्र है.
- जाप प्रारंभ करने से पहले अपनी मनोकामना प्रभु के सामने व्यक्त करें.
- ब्रह्मचर्य का पालन करें.
- एक समय भोजन करें. बीच में चाहें तो फ़लाहार कर सकते हैं.
- दक्षिण दिशा में मुख करके वज्रासन या वीरासन में बैठें.
- रात्रि ९ से ३ के बीच जाप करें.
- लाल वस्त्र पहनकर लाल आसन पर बैठ कर जाप करें.
- गुड तथा चने का भोग लगायें.
- यथाशक्ति जाप जोर से बोल कर करें.
- ११००० जाप करें ११०० मन्त्रों से हवन करें.
- साधना पूर्ण होने पर एक छोटे बालक को उसकी पसंद का वस्त्र लेकर दें.
21 मई 2011
हनुमान मन्त्र - हवन विधि
- पहले एक हवन कुंड या पात्र में लकडियां जमायें.
- अब उसमें "आं अग्नये नमः" मंत्र बोलते हुए आग लगायें.
- ७ बार "ॐ अग्नये स्वाहा" मंत्र से आहुति डालें.
- ३ बार "ॐ गं गणपतये स्वाहा" मंत्र से आहुति डालें.
- ३ बार "ॐ भ्रं भैरवाय स्वाहा" मंत्र से आहुति डालें.
- २१ बार "ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः स्वाहा" मंत्र से आहुति डालें.
- अब जिस हनुमान मन्त्र का जाप कर रहे थे उस मन्त्र से स्वाहा लगाकर १०८ बार आहुति डालें.
- अंत में अपने दोनों कान पकडकर गलतियों के लिये क्षमा मांगे.
18 मई 2011
हनुमान मन्त्र -६
॥ ॐ पंचमुखाय महारौद्राय कपिराजाय नमः ॥
- सर्व विध मनोकामनाओं की पूर्ति के लिये .
- ब्रह्मचर्य का पालन करें.
- सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें.
- यथा संभव मौन रहें. अनर्गल प्रलाप और बकवास न करें.
- लाल वस्त्र पहनकर लाल आसन पर बैठ कर जाप करें.
- बेसन लड्डू का भोग लगायें.
- यथाशक्ति जाप जोर से बोल कर करें.
- २१००० जाप करें.
- साधना काल में हर मंगलवार हनुमान मंदिर में चोला चढायें.
- १०८ रुद्राक्ष के दानों को घी में मिलाकर हवन करें.
15 मई 2011
13 मई 2011
हनुमान मन्त्र -४ [अष्टार्ण मन्त्र]
॥ ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः ॐ ॥
- यह तान्त्रिक बीज मन्त्र युक्त मन्त्र है.
- जाप प्रारंभ करने से पहले अपनी मनोकामना प्रभु के सामने व्यक्त करें.
- ब्रह्मचर्य का पालन करें.
- एक समय भोजन करें.
- बीच में चाहें तो फ़लाहार कर सकते हैं.
- दक्षिण दिशा में मुख करके वज्रासन या वीरासन में बैठें.
- रात्रि ९ से ३ के बीच जाप करें.
- लाल वस्त्र पहनकर लाल आसन पर बैठ कर जाप करें.
- गुड तथा चने का भोग लगायें.
- यथाशक्ति जाप जोर से बोल कर करें.
- ११००० जाप करें
- ११०० मन्त्रों से हवन करें.
- साधना पूर्ण होने पर एक छोटे बालक को उसकी पसंद का वस्त्र लेकर दें.
7 मई 2011
2 मई 2011
30 अप्रैल 2011
25 अप्रैल 2011
21 अप्रैल 2011
17 अप्रैल 2011
16 अप्रैल 2011
हनुमान मन्त्र : हनुमान जयंती विशेष
लेबल:
तंत्र TANTRA,
हनुमान HANUMAN
गुरु निलयम, MIG-556,पद्मनाभपुर, दुर्ग, छ.ग., भारत
MIG Ground, MIG Market, Padmanabhpur, Durg, Chhattisgarh 491001, India
11 अप्रैल 2011
तारा साधना
12 अप्रेल को तारा जयंती है. रामनवमी को ही तारा जयंती भी होती है.
तारा महाविद्या की साधना जीवन का सौभाग्य है ।
यह महाविद्या साधक की उंगली पकडकर उसके लक्ष्य तक पहुंचा देती है।
गुरु कृपा से यह साधना मिलती है तथा जीवन को निखार देती है ।
साधना से पहले गुरु से तारा दीक्षा लेना लाभदायक होता है.
तारा त्रैलोक्य विजय कवच का पाठ नित्य करें.
यह आपको निम्न ग्रन्थों में मिल जायेगा.
तारा साधना
12 अप्रेल को तारा जयंती है. रामनवमी को ही तारा जयंती भी होती है.
तारा महाविद्या की साधना जीवन का सौभाग्य है ।
यह महाविद्या साधक की उंगली पकडकर उसके लक्ष्य तक पहुंचा देती है।
गुरु कृपा से यह साधना मिलती है तथा जीवन को निखार देती है ।
॥ ऐं ऊं ह्रीं स्त्रीं हुं फ़ट ॥
॥ ॐ तारा तूरी स्वाहा ॥
किसी भी एक मंत्र का जाप रात्रि काल में ९ से ३ बजे के बीच करना चाहिये.
साधना से पहले गुरु से तारा दीक्षा लेना लाभदायक होता है.
तारा महाविद्या की साधना जीवन का सौभाग्य है ।
यह महाविद्या साधक की उंगली पकडकर उसके लक्ष्य तक पहुंचा देती है।
गुरु कृपा से यह साधना मिलती है तथा जीवन को निखार देती है ।
॥ ऐं ऊं ह्रीं स्त्रीं हुं फ़ट ॥
॥ ॐ तारा तूरी स्वाहा ॥
किसी भी एक मंत्र का जाप रात्रि काल में ९ से ३ बजे के बीच करना चाहिये.
साधना से पहले गुरु से तारा दीक्षा लेना लाभदायक होता है.
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