4 फ़रवरी 2011

कृष्णं वन्दे जगद्गुरु,,,,,



॥ क्लीं कृष्णाय नमः ॥

  1. सवा लाख जाप.
  2. पूर्ण गृहस्थ सुख की प्राप्ति के लिये.
  3. समय तथा दिशा का बंधन नही.

1 टिप्पणी:

  1. I THINK THIS IS THE SHORT ONE ABOUT THIS SEGMENT OF LORD SHRI KRISHNA. YOU CAN PROVIDE A LOT OF THE KNOWLEDGE IN THIS SEGMENT ALSO BECASUE YOU ARE ONE OF THE BEST PERSONS WHO ATTAINS A LOT OF THE KNOWLEDGE IN ASTROLOGY PARTICULARLY. AS YOU ARE AWARE OF THE FACT THAT LORD KRISHNA IS ONE OF THE LORD IN WHO HAS COUNTLESS NUMBERS OF DEVOTEES AROUND THE WORLD AND NOT ONLY IN INDIA. SO PLEASE UPDATE THIS SEGMENT AS DETAILED AS YOU CAN.
    THANKS AND REGARDS,
    THAKUR VIKRAMADITYA SINGH VATS

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dr.anilshekhar@gmail.com