14 फ़रवरी 2011

छिन्नमस्ता साधना मन्त्रम

॥ श्रीं ह्रीं क्लीं ऎं व ज्र वै रो च नी यै हुं हुं फ़ट स्वाहा ॥

नोट:- यह साधना गुरुदीक्षा लेकर गुरु अनुमति से ही करें.....

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