भैरव अष्टोत्तर शत
नाम
01) ॐ भैरवाय नम:
02) ॐ भूतनाथाय नम:
03) ॐ भूतात्मने नम:
04) ॐ भूतभावनाय नम:
05) ॐ क्षेत्रदाय नम:
06) ॐ क्षेत्रपालाय नम:
07) ॐ क्षेत्रज्ञाय नम:
08) ॐ क्षत्रियाय नम:
09) ॐ विराजे नम:
10) ॐ श्मशानवासिने नम:
11) ॐ मांसाशिने नम:
12) ॐ खर्पराशिने नम:
13) ॐ स्मरांतकाय नम:
14) ॐ रक्तपाय नम:
15) ॐ पानपाय नम:
16) ॐ सिद्धाय नम:
17) ॐ सिद्धिदाय नम:
18) ॐ सिद्धसेविताय नम:
19) ॐ कंकालाय नम:
20) ॐ कालशमनाय नम:
21) ॐ कलाकाष्ठाय नम:
22) ॐ तनये नम:
23) ॐ कवये नम:
24) ॐ त्रिनेत्राय नम:
25) ॐ बहुनेत्राय नम:
26) ॐ पिंगललोचनाय नम:
27) ॐ शूलपाणये नम:
28) ॐ खडगपाणये नम:
29) ॐ कंकालिने नम:
30) ॐ धूम्रलोचनाय नम:
31) ॐ अभीरवे नम:
32) ॐ भैरवीनाथाय नम:
33) ॐ भूतपाय नम:
34) ॐ योगिनीपतये नम:
35) ॐ धनदाय नम:
36) ॐ अधनहारिणे नम:
37) ॐ धनवते नम:
38) ॐ प्रीतिवर्धनाय नम:
39) ॐ नागहाराय नम:
40) ॐ नागपाशाय नम:
41) ॐ व्योमकेशाय नम:
42) ॐ कपालभृते नम:
43) ॐ कालाय नम:
44) ॐ कपालमालिने नम:
45) ॐ कमनीयाय नम:
46) ॐ कलानिधये नम:
47) ॐ त्रिनेत्राय नम:
48) ॐ ज्वलन्नेत्राय नम:
49) ॐ त्रिशिखिने नम:
50) ॐ त्रिलोकपालाय नम:
51) ॐ त्रिवृत्ततनयाय नम:
52) ॐ डिंभाय नम:
53) ॐ शांताय नम:
54) ॐ शांतजनप्रियाय नम:
55) ॐ बटुकाय नम:
56) ॐ बटुवेशाय नम:
57) ॐ खट्वांगधराय नम:
58) ॐ भूताध्यक्षाय नम:
59) ॐ पशुपतये नम:
60) ॐ भिक्षकाय नम:
61) ॐ परिचारकाय नम:
62) ॐ धूर्ताय नम:
63) ॐ दिगंबराय नम:
64) ॐ शूराय नम:
65) ॐ हरिणे नम:
66) ॐ पांडुलोचनाय नम:
67) ॐ प्रशांताय नम:
68) ॐ शांतिदाय नम:
69) ॐ शुद्धाय नम:
70) ॐ शंकरप्रियबांधवाय नम:
71) ॐ अष्टमूर्तये नम:
72) ॐ निधीशाय नम:
73) ॐ ज्ञानचक्षुषे नम:
74) ॐ तपोमयाय नम:
75) ॐ अष्टाधाराय नम:
76) ॐ षडाधाराय नम:
77) ॐ सर्पयुक्ताय नम:
78) ॐ शिखिसखाय नम:
79) ॐ भूधराय नम:
80) ॐ भूधराधीशाय नम:
81) ॐ भूपतये नम:
82) ॐ भूधरात्मजाय नम:
83) ॐ कपालधारिणे नम:
84) ॐ मुंडिने नम:
85) ॐ नागयज्ञोपवीतवते नम:
86) ॐ जृंभणाय नम:
87) ॐ मोहनाय नम:
88) ॐ स्तंभिने नम:
89) ॐ मारणाय नम:
90) ॐ क्षोभणाय नम:
91) ॐ शुद्धनीलांजनप्रख्याय नम:
92) ॐ दैत्यघ्ने नम:
93) ॐ मुंडभूषिताय नम:
94) ॐ बलिभुजे नम:
95) ॐ बलिभुंगनाथाय नम:
96) ॐ बालाय नम:
97) ॐ बालपराक्रमाय नम:
98) ॐ सर्वापत्तारणाय नम:
99) ॐ दुर्गाय नम:
100) ॐ दुष्टभूतनिषेविताय नम:
101) ॐ कामिने नम:
102) ॐ कलानिधये नम:
103) ॐ कांताय नम:
104) ॐ कामिनीवशकृद्वशिने नम:
105) ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नम:
106) ॐ वैद्याय नम:
107) ॐ प्रभवे नम:
108) ॐ विष्णवे नम:
विधि:-
- काला/लाल वस्त्र पहनें.
- दक्षिण दिशा की और मुख रखें .
- भैरव यंत्र या चित्र या पंचमुखी रुद्राक्ष रखकर कर सकते हैं .
- सरसों के तेल का दीपक जला सकते हैं .
- हर मन्त्र के साथ सिंदूर या लाल पुष्प चढ़ाएं .
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
आपके सुझावों के लिये धन्यवाद..
आपके द्वारा दी गई टिप्पणियों से मुझे इसे और बेहतर बनाने मे सहायता मिलेगी....
यदि आप जवाब चाहते हैं तो कृपया मेल कर दें . अपने अल्पज्ञान से संभव जवाब देने का प्रयास करूँगा.मेरा मेल है :-
dr.anilshekhar@gmail.com