श्री गणपति हवन
गणपति विसर्जन से पहले सबकी इच्छा होती है कि गणपति हवन हो जाता तो अच्छा होता |
यदि किसी कारणवश आप किसी साधक /पंडित से हवन ना करवा सकें तो आपके लिए एक सरल हवन विधान प्रस्तुत है जो आप आसानी से स्वयम कर सकते हैं ।
किसी कुंड या बर्तन मे आप लकड़ी डालकर आग जला लें । बर्तन या कुंड को ईंट या रेत के ऊपर रखें
ऊं अग्नये नमः ।
7 बार इस मन्त्र का जाप करें तथा आग जला लें ।
ऊं परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ।
21 बार इस मन्त्र का जाप करें ।
अग्नि जल जाए तब घी/ दशांग (हवन सामग्री ) से आहुति डालें |
ऊं अग्नये स्वाहा ......
7 आहुति अग्नि मे डालें
ऊं गं स्वाहा .....
1 आहुति अग्नि मे डालें
ऊं भैरवाय स्वाहा .....
11 आहुति अग्नि मे डालें
ऊं परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः स्वाहा .....
21 आहुति अग्नि मे डालें
ॐ प्रचंड चंडिकायै स्वाहा –
9 बार अपने मस्तक को स्पर्श करते हुए आहुति डालें ।
अब अपनी मनोकामना भगवान् गणपति के समक्ष निवेदन मन में या बोलकर करें
ऊं गं गणपतये स्वाहा .....
108 बार ह्रदय को स्पर्श करते हुए आहुति डालें
अन्त में कहें कि गणपति भगवान की कृपा मुझे प्राप्त हो....
दोनों कान पकड़कर सभी गलतियों के लिये क्षमा मांगे.....
तीन बार पानी छिडककर शांति शांति शांति ऊं कहें.....
संभव हो तो किसी गरीब बच्चे को भोजन/मिठाई/दान अवश्य दें
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