अष्टलक्ष्मी का अर्थ है, लक्ष्मी के आठ विशेष रूप। ऐसे रूप जिनसे गृहस्थ जीवन बेहद सुखद और ऐश्वर्यवान हो सकता है ।
लक्ष्मी के आठ रूप ये हैं-
आदिलक्ष्मी,
धनलक्ष्मी,
धान्यलक्ष्मी,
गजलक्ष्मी,
सन्तानलक्ष्मी,
वीरलक्ष्मी,
भाग्य लक्ष्मी ,
विजयलक्ष्मी,
विद्यालक्ष्मी।
लक्ष्मी के ये आठ स्वरूप जिस गृहस्थ के घर मे, उसके जीवन मे, स्थापित हो जाएँ तो वह सभी दृष्टियों से परिपूर्ण और सफल हो जाता है ।
अष्टलक्ष्मी दीक्षा इस स्थिति को प्राप्त करने का प्रथम चरण है । इसे प्राप्त करते ही 50 प्रतिशत अनुकूलता मिलने लगती है । इसके बाद अगर आप अष्ट लक्ष्मी मंत्र का भी जाप करते रहें तो बेहतर स्थिति बनती ही है ।
इससे संबंधित जानकारी के लिए आप अपने क्षेत्र के इन गुरूभाइयों से संपर्क करके मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं ।
🔴 प्रशांत पांड़े (दिल्ली) 8800458271 🟠 देवेन्द्र उइके (नागपुर): 9096078410 🟡मनोहर सरजाल (छत्तीसगढ़)+91 90091 60861 🟡सचिन किसवे (लातूर)+91 93257 77190 🟠 सुभाष शर्मा (उदयपुर) 9929140845 🟡प्रेमजीत सिंह (पटना)+91 87574 02620 🟡विनयशर्मा(गुना)9685224686 🔴कपिल वास्पत (इंदौर) 9179050735 🔵रणजीत अन्कुलगे (उदगीर) 9923440540 🟡विनय शर्मा ( अयोध्या)09235712271 🟢करुणेश कर्ण (पटना)+91 98522 84595 🟣स्वाति शर्मा (गाजियाबाद) 9958862952,9354101677 🔵सन्तोष नागतोडे (मोइझिरि) 9301107239
साधना सिद्धि विज्ञान कार्यालय (गुरुदेव जी का कार्यालय ) 🟠 कार्यालय भोपाल 07554269368
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
आपके सुझावों के लिये धन्यवाद..
आपके द्वारा दी गई टिप्पणियों से मुझे इसे और बेहतर बनाने मे सहायता मिलेगी....
यदि आप जवाब चाहते हैं तो कृपया मेल कर दें . अपने अल्पज्ञान से संभव जवाब देने का प्रयास करूँगा.मेरा मेल है :-
dr.anilshekhar@gmail.com