सबसे पहले आप सभी को महामाया के नवरात्रि शक्ति पर्व की शुभकामनाएं
शक्ति पर्व साधनाओं के माध्यम से शक्ति अर्जित करने का पर्व है ।
इस अवसर पर साधनाएं और मंत्र जाप अवश्य करें ।.
इस विषय पर ब्लॉग पर बहुत सारी विधियाँ प्रकाशित हैं ।. आप उनमे से किसी भी एक का प्रयोग कर सकते हैं .
अगर आप काम की अधिकता , अस्वस्थता या स्थानाभाव के कारण पूजा स्थान मे बैठकर नहीं कर पा रहे हैं तो महाकाली के बीज मंत्र
"क्रीं "
( उचाचारण होगा क्रीम /kreem )
का चलते फिरते , उठते बैठते लेटते, सभी अवस्थाओं मे मानसिक जाप करके भी महामाया की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
सामान्य प्रश्न/जिज्ञासाएं और उनके उत्तर
क्या मैं नवरात्रि में देवी का मंत्र जाप कर सकता/सकती हूँ ?
हाँ ! अगर आपकी देवी पर आस्था और विश्वास है तो आप कर सकते हैं . स्त्री पुरुष दोनों मंत्र जाप कर सकते हैं . बच्चे अपने माता पिता की अनुमति और जानकारी में ही मंत्र जाप करें .
क्या मंत्र जाप के लिए गुरु आवश्यक है ?
हाँ ! मंत्र जाप से आपके शरीर में ऊर्जा बनती है उसे नियंत्रित करने के लिए गुरु की आवश्यकता पड़ती है . यह विशेष रूप से तब आवश्यक है जब आप सवा लाख या अधिक मंत्र जाप का अनुष्ठान कर रहे हों .
यदि आप एकाध माला रोज कर रहे हैं तो आप बिना गुरु के भी मंत्र जाप कर सकते हैं .
स्तोत्र पाठ और शतनाम सहस्रनाम का पाठ आप बिना गुरु के भी कर सकते हैं .
अगर जाप से शरीर में बहुत ज्यादा गर्मी या बेचैनी जैसा आभास हो तो समझ जाइएगा कि आपका शरीर उतनी ऊर्जा सहन नहीं कर पा रहा है , तब जप या पाठ की संख्या कम कर लेंगे . धीरे धीरे संख्या बढ़ा सकते हैं .
मैं एक स्त्री हूँ मेरा मासिक नवरात्री के बीच में आ रहा है , क्या इससे मेरी साधना खंडित हो जाएगी ? मैं क्या करू?
विश्व विख्यात मंत्र तंत्र विशेषज्ञ पूज्यपाद गुरुदेव डा नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा जो निर्देश हमें मिलते थे उसके अनुसार "अगर जाप शुरू करने के बाद मासिक आ जाए तो आप पूजा स्थान में बैठकर जाप करना रोक लें, मासिक पूरा हो जाने के बाद उसे कंटीन्यू कर सकते हैं ऐसे में साधना खंडित नहीं मानी जायेगी .
क्या मैं सुबह महाविद्या भुवनेश्वरी और रात में महाविद्या महाकाली साधना कर सकता/सकती हूँ ?
बहुत सारे मंत्र या पूजन करने की बजाय एक ही मंत्र या स्तोत्र को ज्यादा से ज्यादा बार करें । हर देवी या देवता सब कुछ देने मे समर्थ है., तभी तो वह देवता या देवी है ।
अगर जाप के दौरान कुछ गलती हो गयी तो क्या मातारानी मुझे सजा देगी और उससे मेरा नुकसान हो जाएगा ?
कोई नन्हा बच्चा अपनी माँ को बुलाने के लिए किसी भी शब्द या क्रिया का इस्तेमाल करे माता उसे समझ जाती है और उसकी आवश्यकता की पूर्ती कर देती है . जगदम्बा सम्पूर्ण विश्व की माँ हैं . वे ममत्व और वात्सलय की अंतिम सीमा हैं . वे अपनी साधना करने वाले किसी साधक साधिका को नुकसान पहुंचा ही नहीं सकती . इसलिए इस प्रकार के बेवजह के डर को अपने दिमाग से निकाल दीजिये . स्वयं को महामाया का नन्हा शिशु मानकर मन्त्र जाप करिये वे अवश्य सुनेंगी .
क्या मंत्र जाप करने से सम्बंधित देवी/देवता मेरे सामने प्रकट हो जायेंगे ?
सामान्य शब्दों में कहूँ तो यह वैसी ही बात है जैसे पैदल चलने वाला व्यक्ति चाँद पर पहुँचने की बात करे . चाँद पर पहुँचने के लिए आपको शारीरिक रूप से फिट होना पड़ता है ! बेहद कठोर ट्रेनिंग होती है ! इसमें महीनों या सालों का समय लगता है . फिर एक अत्यंत उच्च तकनीक वाला रॉकेट होता है जिसमे बैठकर आप चाँद पर पहुँचते हैं ! विशेष स्पेस सूट पहनकर ही आप चाँद को स्पर्श कर सकते हैं ! उसपर चल सकते हैं !
ठीक वैसे ही साधना के रस्ते पर आपको कई वर्षों की कठोर साधना करनी होगी . उच्च कोटि के गुरु के सानिध्य में ट्रेनिंग लेनी होगी , अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा को उच्चतम स्तर पर पहुंचाना होगा, अपने शरीर को जागृत करके उस लायक बनाना होगा तब देवी देवता का दर्शन संभव है .
हम सामान्य गृहस्थ हैं हम उतनी ज्यादा साधना नहीं करते परिणामतः उच्च स्तर की देवी ऊर्जा को सहन भी नहीं कर सकते हैं . इसलिए देवी शक्तियां हमें प्रत्यक्ष नहीं दिखाई देतीं . वे स्वप्न में आभास देती हैं . कभी विचित्र गंध आपके पूजन कक्ष में आएगी . कभी घुंघरू जैसी ध्वनि सुनाई देगी . ऐसा होगा तो आपको समझना है कि कोई देवीय शक्ति आपसे प्रसंन्न होकर उपस्थित हुई है . ऐसे में उनको प्रणाम कर लेना चाहिये और उनसे कृपा का निवेदन करना चाहिए . इस प्रकार के आभास नवरात्री में विशेष रूप से होते हैं .....
मैं कैसे समझूँ कि मेरी साधना या मंत्र जाप सफल हुआ है ?
मंत्र जाप की सफलता के लक्षण :-
आपका मनोवांछित कार्य पूरा होगा या उसमे अनुकूलता मिलेगी .
आपको आतंरिक शांति का अनुभव होगा .
आपके अनावश्यक खर्चे कम होने लगेंगे .
आप और परिवार में अन्य सदस्य बार बार बीमार नहीं पड़ेंगे .
पारिवारिक कलह जैसे पति/पत्नी के झगडे कम होने लगेंगे .
घर में सकारात्मक ऊर्जा का आभास होगा .
मन्त्र जाप करते समय मुझे जम्हाई /नींद आती है ऐसा क्यों ?
हमारे आसपास की नकारात्मक शक्तियों और हमारे अपने आलस्य की वजह से मंत्र जाप शुरू करने पर कुछ समय तक सभी साधकों के साथ ऐसा होता है . जो धीरे धीरे कम होता जायेगा . अपने पास एक गिलास में पानी रखकर बीच बीच में उसके छींटे मारते रहें तो काफी लाभ मिलेगा .
एक दिन में या पंद्रह दिन में साधना सिद्ध हो सकती है क्या ?
ऐसा कुछ नहीं है . जैसे जैसे मंत्र जाप की संख्या बढ़ती जाती है आपका मंत्र जागृत और चैतन्य होने लगता है और धीरे धीरे कुछ सालों में आपको वह स्थिति प्राप्त होने लगती है जब आप उस मंत्र के माध्यम से अपने अभीष्ट कार्य संपंन्न कर सकते हैं .
दूसरों के कार्य करने के लिए मैं अपनी सिद्धियों का प्रयोग कैसे कर सकता हूँ ?
जब आप तीन से पांच लाख की संख्या में मंत्र जाप कर लेते हैं तो आप उस मंत्र की सहायता से स्वयं के या दूसरों के काम कर सकते हैं . इसके साथ साथ आपकी शक्तियां भी कम होंगी . सामान्य भाषा में आपको समझाऊं तो मंत्र जाप को आप मोबाइल के बैटरी चार्ज करने जैसा समझ लीजिये . सिंपल कालिंग होगा तो बैटरी ज्यादा लम्बे समय आपके काम आएगी . आप उसमे वीडियो चलाएंगे, बच्चे उसमे गेम खेलेंगे, दोस्त वीडियो कॉल करेगा तो बैटरी जल्दी ख़तम हो जायेगी . उसी प्रकार जब आप दूसरों का काम करेंगे तो आपकी साधना की ऊर्जा उस काम में लगेगी और आपकी ऊर्जा कम होती जाएगी . उसे रोज साधना के द्वारा रिचार्ज करते रहना पड़ेगा अन्यथा एक दिन बैटरी डेड हो जाएगी ...... उसके बाद ..... मेरा मतलब आप समझ ही गए होंगे . दूसरों का काम गारंटी से करने का दावा करने वाले और अचानक प्रकट होने वाले विश्वविख्यात तांत्रिक और ज्योतिष बाबा इसी कारण से चार पांच साल बाद गुमनामी के अँधेरे में चले जाते हैं .... फिर उनको कोई नहीं पूछता .....
यह बात दिमाग में स्पष्ट रखें कि ..... दूसरों का काम करने के लिए आपको नियमित साधना करनी ही होगी और संभव हो तो किसी दुसरे पूजा स्थान पर अपने नाम से अनुष्ठान आदि भी कराते रहना चाहिए . तभी आपकी शक्तियां आपके साथ लगातार बनी रहेंगी .
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