एक प्रयास सनातन धर्म[Sanatan Dharma] के महासमुद्र मे गोता लगाने का.....कुछ रहस्यमयी शक्तियों [shakti] से साक्षात्कार करने का.....गुरुदेव Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji [ Nikhileswaranand Ji] की कृपा से प्राप्त Mantra Tantra Yantra विद्याओं को समझने का...... Kali, Sri Yantra, Laxmi,Shiv,Kundalini, Kamkala Kali, Tripur Sundari, Maha Tara ,Tantra Sar Samuchhay , Mantra Maharnav, Mahakal Samhita, Devi,Devata,Yakshini,Apsara,Tantra, Shabar Mantra, जैसी गूढ़ विद्याओ को सीखने का....
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20 अप्रैल 2021
19 अप्रैल 2021
नवार्ण मंत्र के माध्यम से सतोपंथी दीक्षा
नवार्ण मंत्र को भगवती के चैतन्य स्वरूप को समाहित करने का सबसे प्रमुख माध्यम माना जाता है । उसी नवार्ण मंत्र के द्वारा दी जाने वाली सर्वोच्च दीक्षा को सतोपंथी दीक्षा कहा जाता है । सद्गुरुदेव डॉ नारायण दत्त श्रीमाली जी ने अपने शिष्यों को अत्यंत दुर्लभ मंत्रों के माध्यम से सतोपंथी दीक्षा प्रदान की है जिसका ऑडियो सुनकर आप भी उस उर्जा का लाभ ले सकते हैं ।
जो साधक साधिका नवार्ण मंत्र का जाप करते हैं या अनुष्ठान करते हैं , यदि वे अपने अनुष्ठान के साथ-साथ नित्य इसे एक बार सुनते रहे तो उन्हें विशेष अनुभव प्राप्त होंगे और उनकी साधना में भी ज्यादा तीव्र गति से सफलता प्राप्त होगी ।
18 अप्रैल 2021
13 अप्रैल 2021
नवार्ण महामंत्र
नवार्ण महामंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महादुर्गे नवाक्षरी नवदुर्गे नवात्मिके नवचंडी महामाये महामोहे महायोगे निद्रे जये मधुकैटभ विद्राविणि महिषासुर मर्दिनी धूम्रलोचन संहंत्री चंड मुंड विनाशिनी रक्त बीजान्तके निशुम्भ ध्वंसिनी शुम्भ दर्पघ्नी देवि अष्टादश बाहुके कपाल खट्वांग शूल खड्ग खेटक धारिणी छिन्न मस्तक धारिणी रुधिर मांस भोजिनी समस्त भूत प्रेतादी योग ध्वंसिनी ब्रह्मेंद्रादी स्तुते देवि माम रक्ष रक्ष मम शत्रून नाशय ह्रीं फट ह्वुं फट ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाये विच्चे ||
- यथाशक्ति जाप नित्य करें |
- सर्वमनोकामना पूरक मन्त्र है |
26 मार्च 2021
होली : अघोर शिव साधना
होली : अघोर शिव साधना
- होली दहन की रात्रि से प्रारंभ कर सवा लाख जाप का अनुष्टान कर सकते हैं |
- होलिका दहन की रात्रि को 108 माला जाप कर सकते हैं .
- भगवान् शिव की कृपा से समस्त समस्याओं में मार्ग मिलेगा .
25 मार्च 2021
होलिका दहन भैरव साधना
होलिका दहन तन्त्र साधनाओं का विशिष्ट सिद्ध मुहूर्त है :-
- होलिका दहन कि रात्रि करें|
- अपने सामने एक सूखा नारियल , एक कपूर की डली , 11 लौंग 11 इलायची, 1 डली लोबान या धुप रखें |
- सरसों के तेल का दीपक जलाएं |
- हाथ में नारियल लेकर अपनी मनोकामना बोलें | नारियल सामने रखें |
- दक्षिण दिशा कीओर देखकर इस मन्त्र का 108 बार जाप करें |
- अर्धरात्रि के बाद पूरी सामग्री होली कि अग्नि में डाल दें |
24 मार्च 2021
पति से समरसता बनाने के लिए
23 मार्च 2021
होली : महाविद्या धूमावती साधना
- धूमावती साधना समस्त प्रकार की तन्त्र बाधाओं की रामबाण काट है.
- यह साधना होली की रात्रि में की जा सकती है.
- दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए काले रंग के वस्त्र पहनकर जाप करें. जाप रात्रि ९ से ४ के बीच करें
22 मार्च 2021
पंचमुखी रुद्राक्ष कवच
- भस्म से माथे पर तीन लाइन वाला तिलक त्रिपुंड बनायें.
- हाथ में पानी लेकर भगवान शिव से रक्षा की प्रार्थना करें , जल छोड़ दें.
- एक माला गुरुमंत्र की करें . अगर गुरु न बनाया हो तो भगवान् शिव को गुरु मानकर "ॐ नमः शिवाय" मन्त्र का जाप कर लें.
- यदि अपने लिए पाठ नहीं कर रहे हैं तो # वाले जगह पर उसका नाम लें जिसके लिए पाठ कर रहे हैं |
- रोगमुक्ति, बधामुक्ति, मनोकामना के लिए ११ पाठ ११ दिनों तक करें . अनुकूलता प्राप्त होगी.
- रक्षा कवच बनाने के लिए एक पंचमुखी रुद्राक्ष ले लें. उसको दूध,दही,घी,शक्कर,शहद,से स्नान करा लें |अब इसे गंगाजल से स्नान कराकर बेलपत्र चढ़ाएं | ५१ पाठ शिवरात्रि/होली/अष्टमी/अमावस्या/नवरात्री/दीपावली/दशहरा/ग्रहण कि रात्रि करें पाठ के बाद इसे धारण कर लें |
21 मार्च 2021
11 मार्च 2021
आदि गुरु : दक्षिणामूर्ति शिव
दक्षिणामूर्ति शिव भगवान शिव का सबसे तेजस्वी स्वरूप है । यह उनका आदि गुरु स्वरूप है । इस रूप की साधना सात्विक भाव वाले सात्विक मनोकामना वाले तथा ज्ञानाकांक्षी साधकों को करनी चाहिये ।
10 मार्च 2021
भगवान सदाशिव तथा जगदम्बा की कृपा प्राप्ति के लिये मन्त्र
भगवान सदाशिव तथा जगदम्बा की कृपा प्राप्ति के लिये मन्त्र :-
- सवा लाख मन्त्र का एक पुरस्चरण होगा.
- शिवलिंग सामने रखकर साधना करें.
- समस्त प्रकार की मनोकामना पूर्ती के लिए प्रयोग किया जा सकता है.
- किसी अनुचित अनैतिक इच्छा से न करें गंभीर नुक्सान हो सकता है.
9 मार्च 2021
अघोरमंत्र
अघोरमंत्र
ॐ क्षां क्षीं क्षूं क्षैं क्षौं क्षः ॐ हां हीं हूं हैं हौं हः स्वर्गमृत्यु पाताल त्रिभुवन संच्चरित देव ग्रहाणां दानव ग्रहाणां ब्रह्मराक्षस ग्रहाणां सर्ववातग्रहाणां सर्व वेताल ग्रहाणां शाकिनी ग्रहाणां डाकिनी ग्रहाणां सर्व भूत ग्रहाणां कमिनी ग्रहाणां सर्व पिंड ग्रहाणां सर्व दोष ग्रहाणां सर्वपस्मारग्रहाणां हन हन हन भक्षय भक्षय भक्षय विरूपाक्षाय दह दह दह हूं फट् स्वाहा ॥
- अघोरेश्वर महादेव की साधना है | कोई नियम विधि बंधन नहीं | उन्मुक्त होने का प्रारंभ .....
- क्रोध और काम दोनों से बचें .
- यदि शरीर में ज्यादा गर्मी का आभास हो तो रात्रिकाल में एक कप दूध में आधा चम्मच घी डालकर पियें .