एक प्रयास सनातन धर्म[Sanatan Dharma] के महासमुद्र मे गोता लगाने का.....कुछ रहस्यमयी शक्तियों [shakti] से साक्षात्कार करने का.....गुरुदेव Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji [ Nikhileswaranand Ji] की कृपा से प्राप्त Mantra Tantra Yantra विद्याओं को समझने का...... Kali, Sri Yantra, Laxmi,Shiv,Kundalini, Kamkala Kali, Tripur Sundari, Maha Tara ,Tantra Sar Samuchhay , Mantra Maharnav, Mahakal Samhita, Devi,Devata,Yakshini,Apsara,Tantra, Shabar Mantra, जैसी गूढ़ विद्याओ को सीखने का....
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15 जुलाई 2016
14 जुलाई 2016
13 जुलाई 2016
कुन्डलिनी जागरण साधना
विशेष तथ्य :-
- कुन्डलिनी जागरण साधनात्मक जीवन का सौभाग्य है.
- कुन्डलिनी जागरण साधना गुरु के सानिध्य मे करनी चाहिये.
- यह शक्ति अत्यन्त प्रचन्ड होती है.
- इसका नियन्त्रण केवल गुरु ही कर सकते हैं.
- यदि आप गुरु दीक्षा ले चुके हैं तो अपने गुरु की अनुमति से ही यह साधना करें.
- यदि आपने गुरु दीक्षा नही ली है तो किसी योग्य गुरु से दीक्षा लेकर ही इस साधना में प्रवृत्त हों.
- यदि गुरु प्राप्त ना हो पाये तो आप मेरे गुरु स्वामी सुदर्शननाथ जी को गुरु मानकर उनसे मानसिक अनुमति लेकर जाप कर सकते हैं .
|| ॐ ह्रीं मम प्राण देह रोम प्रतिरोम चैतन्य जाग्रय ह्रीं ॐ नम: ||
- यह एक अद्भुत मंत्र है.
- इससे धीरे धीरे शरीर की आतंरिक शक्तियों का जागरण होता है और कालांतर में कुण्डलिनी शक्ति जाग्रत होने लगती है.
- प्रतिदिन इसका १०८, १००८ की संख्या में जाप करें.
- जाप करते समय महसूस करें कि मंत्र आपके अन्दर गूंज रहा है.
- मन्त्र जाप के अन्त में कहें :-
ना गुरोरधिकम,ना गुरोरधिकम,ना गुरोरधिकम
शिव शासनतः,शिव शासनतः,शिव शासनतः
12 जुलाई 2016
9 जुलाई 2016
निखिलधाम
परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी [ डा नारायण दत्त श्रीमाली जी ] का यह दिव्य मंदिर है.
इसका निर्माण परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी [Dr. Narayan dutta Shrimali Ji ] के प्रिय शिष्य स्वामी सुदर्शननाथ जी तथा डा साधना सिंह जी ने करवाया है.
यह [ Nikhildham ] भोपाल [ मध्यप्रदेश ] से लगभग २५ किलोमीटर की दूरी पर भोजपुर के पास लगभग ५ एकड के क्षेत्र में बना हुआ है.
यहां पर महाविद्याओं के अद्भुत तेजस्वितायुक्त विशिष्ठ मन्दिर बनाये गये हैं.
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