12 अप्रेल को तारा जयंती है. रामनवमी को ही तारा जयंती भी होती है.
तारा महाविद्या की साधना जीवन का सौभाग्य है ।
यह महाविद्या साधक की उंगली पकडकर उसके लक्ष्य तक पहुंचा देती है।
गुरु कृपा से यह साधना मिलती है तथा जीवन को निखार देती है ।
॥ ऐं ऊं ह्रीं स्त्रीं हुं फ़ट ॥
॥ ॐ तारा तूरी स्वाहा ॥
किसी भी एक मंत्र का जाप रात्रि काल में ९ से ३ बजे के बीच करना चाहिये.
साधना से पहले गुरु से तारा दीक्षा लेना लाभदायक होता है.
तारा महाविद्या की साधना जीवन का सौभाग्य है ।
यह महाविद्या साधक की उंगली पकडकर उसके लक्ष्य तक पहुंचा देती है।
गुरु कृपा से यह साधना मिलती है तथा जीवन को निखार देती है ।
॥ ऐं ऊं ह्रीं स्त्रीं हुं फ़ट ॥
॥ ॐ तारा तूरी स्वाहा ॥
किसी भी एक मंत्र का जाप रात्रि काल में ९ से ३ बजे के बीच करना चाहिये.
साधना से पहले गुरु से तारा दीक्षा लेना लाभदायक होता है.